सिंगरौली
एक ओर जहा दवा के अभाव मे गरीब दम तोड़ देता हैं, वहीं जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र लंघाडोल मे जरुरतमंदो को वितरीत करने के लिए आयी दवाओं को बाहर फेंक कर जला दिया गया।सूत्र बताते हैं कि ये दवाइयाँ अभी भी वैध थीं और इन्हें मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता था। इस तरह की घटना से पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा संसाधनों का सही से उपयोग नहीं किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस लापरवाही से गरीब मरीजों को उचित समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण मरीजों को महंगे निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।दवाइयों का जलाया जाना न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि मरीजों के जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।मुफ्त दवाइयां मरीजों को न मिलने के कारण गरीब तबके के लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जबकि जो दवाएं वितरित करने के लिए आती हैं उसे स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदार नस्ट करवा देते हैं।