बालाघाट/रायपुर
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक और खुशखबरी है. क्योंकि रायपुर से लखनादौन के बीच 6 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे ग्रीन सिग्नल मिल गया है. बताया जा रहा है कि इस नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की लागत लगेगी. इसका सर्वे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से पूरा हो चुका है. करीब 300 किलोमीटर लंबा यह हाईवे रायपुर से बालाघाट होते हुए सिवनी जिले के लखनादौन तक आएगा. इस हाईवे के निर्माण से दोनों राज्यों के बीच आने जाने में और फायदा होगा.
मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी कनेक्टिविटी
नए हाईवे के निर्माण से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी. 300 किलोमीटर लंबा बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे लखनादौन, छबारा, सिवनी, बालाघाट होते हुए रजेगांव तक निकला जाएगा. नव निर्माण योजना की रिपोर्ट दिल्ली भेजी जाएगी. इसमें छोटे से छोटे रूट को प्राथमिकता मिलेगी. इसे बनाने में लगभग पांच साल का वक्त लग सकता हैं. दिल्ली से लखनादौन और रायपुर तक बनने वाला एक्सप्रेस-वे विशाखापट्टनम एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेंगे. इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) ऐसा मार्ग चुनते हैं, जहां जंगल कम होते है और जहां पर सरकारी जमीन ज्यादा हो, निजी घर आदि ज्यादा न तोड़ने पड़ें. किसी की निजी जमीन का ज्यादा अधिग्रहण नहीं करना पड़े. ऐसी जगह का ज्यादा चयन किया जाता है.
लखनादौन और रायपुर आना-जाना होगा आसान
लखनादौन से रायपुर तक बनने वाला एक्सप्रेस-वे जबलपुर के लोगों के लिए फायदेमंद होने वाला हैं. जबलपुर के लोगों के लिए एक्सप्रेस-वे निर्माण से जबलपुर से मंडला तक एक नई सड़क निकलेगी. जिससे रायपुर के लोगों का आवाजाही आसान हो जाएगी. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के व्यापारियों का व्यवसाय बढ़ेगा. नए एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद समय की बचत होगी. जहां 8 घंटे लगते थे वहीं 5 घंटे में सफर पूरा हो जाएगा.
लखनादौन से रायपुर से NHI का सर्वे
छत्तीसगढ़ के रीजनल आफिसर ने जानकारी देते हुए कहा कि लखनादौन से रायपुर तक नए एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा. 15 हजार करोड़ के बजट को सहमति मिली गई है. लखनादौन से रायपुर के बीच 6 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे रिपोर्ट हेडक्वार्टर भेजी जाएगी.
इंदौर से सीधा और महाराष्ट्र और हैदराबाद कनेक्ट होंगे
मध्यप्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर दिनों-दिन अच्छा होता जा रहा है। केंद्र सरकार के द्वारा चलाए जा रहे बड़े-बड़े एक्सप्रेस-वे, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, इकोनॉमिक कॉरिडोर और हाईवे प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं। ऐसे में बड़े शहरों की कनेक्टिविटी एमपी से हो रही है। इधर, इंदौर अगले साल तक देश की हाईटेक सिटी हैदराबाद से एक्सप्रेस-वे (Indore-Hyderabad Expressway) के जरिए जुड़ जाएगा।
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे का 70 फीसदी काम पूरा
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे के शुरू से इंदौर और हैदराबाद की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस 713 किलोमीटर प्रोजेक्ट का काम 70 फीसदी पूरा हो चुका है। इसे पूरा करने का लक्ष्य 2025 रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के बनते ही एमपी एक बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में सामने आएगा।
इतने रूपए में तैयार हो रहा इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा होने की संभावना है। सरकार की ओर से 713 किलोमीटर लंबे इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस वे के निर्माण में 15 हजार करोड़ रूपए खर्च कर रही है।
महाराष्ट्र और हैदराबाद से सीधा कनेक्ट होगा एमपी
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेस-वे इंदौर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से जोड़ने का काम करेगा। जिससे इंदौर और हैदराबाद की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस एक्सप्रेस-वे को इच्छापुर, मुक्ताईनगर, जलगांव और अकोला जाने की जरूरत नहीं पडेगी। यह सीधा बुरहानपुर, जलगांव और नांदेड़ होते हुए हैदराबाद को कनेक्ट करेगा।