मध्यप्रदेश

भोपाल: भूमाफियाओं की धोखाधड़ी पर पुलिस शिकंजा, तहसीलदार और राजस्व अधिकारियों पर भी लगे गंभीर आरोप

भोपाल

भोपाल के थाना रातीबड़ क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां भूमाफिया और सहकारी संस्था के कुछ अधिकारियों ने कृषि भूमि का बार-बार विक्रय करके करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। इस मामले में अनिल अग्रवाल ने थाना रातीबड़ पुलिस को विस्तृत शिकायत दी है, जिसमें भूमि की फर्जी रजिस्ट्री, संपत्ति को अलग-अलग व्यक्तियों को बार-बार बेचने, और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत का दावा किया गया है। इस प्रकरण को लेकर भोपाल के सांसद श्री आलोक शर्मा ने भी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

 क्या है मामला?

अनिल अग्रवाल के अनुसार, उन्होंने पंचसेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल के अध्यक्ष अशोक गोयल से कृषि भूमि खरीदी थी। लेकिन इस भूमि को गोयल, यावर अली, रजिया खान और उनके सहयोगियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से धोखाधड़ी के साथ कई अन्य लोगों को भी बेचा गया। जमीन की रजिस्ट्री बार-बार करवाकर भोपाल के नवजोत सिंह ढिल्लन सहित अन्य लोगों के नाम पर फिर से इस भूमि को रजिस्टर्ड किया गया।

यह आरोप भी है कि भूमि के विक्रय में नियमों की अनदेखी करते हुए एक ही संपत्ति को बार-बार बेचकर लोगों से मोटी रकम ऐंठी गई। नवजोत सिंह ढिल्लन ने रजिस्ट्री के दौरान अग्रिम चेक दिए, लेकिन उन्हें नकद नहीं कराया गया। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि यह पूरी धोखाधड़ी तहसील और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से हुई है।

 सांसद आलोक शर्मा का हस्तक्षेप

इस गंभीर प्रकरण को देखते हुए भोपाल के सांसद श्री आलोक शर्मा ने पुलिस प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा कि इस प्रकार के मामलों में आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज के लिए भी बड़ा खतरा है। सांसद ने पुलिस से जांच में तेजी लाने और सभी दोषियों को कानून के दायरे में लाने की अपील की है।

 बार-बार विक्रय और प्रशासनिक मिलीभगत

शिकायत में बताया गया है कि यावर अली और रजिया खान ने पहले इसी संपत्ति को विनोद शर्मा को बेचा, फिर पंचसेवा गृह निर्माण सहकारी संस्था और अंततः नवजोत सिंह ढिल्लन को विक्रय कर दिया। यह आरोप लगाया गया है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भूमाफियाओं को पूरा सहयोग दिया, जिसके चलते यह फर्जीवाड़ा संभव हो पाया। शिकायतकर्ता का दावा है कि 2001 से इस भूमि पर सहकारी संस्था के सदस्यों का कब्जा है, लेकिन हाल ही में भूमाफियाओं ने गुंडों की मदद से जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की।

 भूमाफियाओं की गिरोहबंदी

यह मामला एक संगठित षड्यंत्र की ओर इशारा करता है, जिसमें भूमाफिया एक ही संपत्ति को कई बार विक्रय कर निर्दोष नागरिकों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ितों ने इस प्रकरण में धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक षड्यंत्र जैसी गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस ने दिया जांच का आश्वासन

थाना रातीबड़ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपों की बारीकी से जांच की जाएगी और दोषियों को कानून के दायरे में लाकर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। सांसद आलोक शर्मा के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद है कि प्रशासन इस प्रकरण को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाएगा और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।

अनिल अग्रवाल और अन्य पीड़ितों ने उम्मीद जताई है कि पुलिस प्रशासन जल्द कार्रवाई करेगा और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।

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