छत्तीसगढ़

मुठभेड़ के बाद सफलता का जवानों ने सुकमा में मनाया जश्‍न, हाथ में हथियार लेकर किया डांस

सुकमा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्ष 2026 तक छत्‍तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया करने का जो लक्ष्य तय किया था, पिछले 11 माह में डबल इंजन की सरकार ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को गति देते हुए नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। शुक्रवार को बस्तर संभाग के सुकमा जिले में भेज्जी थाना क्षेत्र के ग्राम कोराजुगुड़ा, दंतेसपुरम, नागाराम, भंडारपदर के जंगल-पहाड़ी में शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल ने तीन महिला समेत दस नक्सलियों को ढेर कर दिया है। सभी के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ स्थल से एके-47, इंसास, सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), एक सिंगल शाट व पांच भरमार व पिस्टल बरामद किए गए हैं। नक्सलियों का लैपटाप भी मिला है।

सफल अभियान का नाच कर मनाया जश्‍न

सफल अभियान के बाद नक्सलियों के शव व हथियार लेकर जवान कोताचेरु स्थित सीआरपीएफ कैंप पहुंचे। डीआईजी कमलोचन कश्यप ने जवानों का मुंह मीठा कर सफल अभियान की बधाई दी। जवानों ने सफल अभियान का उत्सव हथियार हाथ में उठाकर जवान नाचते-गाते हुए मनाया।

इससे पहले कांकेर में मिली सफलता का उत्सव भी जवानों ने इसी तरह से मनाया था। कुछ वर्ष पहले जब बस्तर में नक्सली मजबूत स्थिति में थे, तो सुरक्षा बल पर हमले के बाद इसी तरह से सफलता का जश्न मनाते थे। झीरम कांड में भी नक्सलियों ने नेताओं व जवानों को मारने के बाद शवों पर नाचकर जश्न मनाया था।

नक्सलियों के विरुद्ध यह सर्वाधिक सफल वर्ष

राज्य गठन के बाद से नक्सलियों के विरुद्ध यह सर्वाधिक सफल वर्ष रहा है। सुकमा मुठभेड़ में मारे गए 10 नक्सलियों के साथ इस वर्ष 207 नक्सलियों के शव पुलिस को मिल चुके हैं, जबकि इससे अधिक नक्सलियों को मार गिराने का पुलिस का दावा है। इस अवधि में 787 नक्सलियों को गिरफ्तार, 789 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया व 262 हथियार पुलिस को मिले हैं।

21 लाख के इनामी छह नक्सली की पहचान

पुलिस के अनुसार मारे गए नक्सलियों में छह की पहचान कर ली गई है। इनमें आठ लाख का इनामी मड़कम मासा दक्षिण बस्तर डिविजन एमआइ प्रभारी व प्लाटून नंबर चार व आठ का प्रभारी था। पांच लाख का इनामी डिविजनल स्माल एक्शन टीम कमांडर व एरिया कमेटी सदस्य लखमा माड़वी भी मारा गया।

अन्य सभी पांच प्लाटून नंबर चार के सदस्य दो-दो लाख के इनामी हैं। इनमें मासा की पत्नी दूधी मासा, मड़कम जीतू, मड़कम कोसी, कोवासी केसा की पहचान कर ली गई है। चार अन्य की पहचान की जा रही है। मारे गए नक्सलियों के शव को कांधे पर लेकर जवान मुख्यालय पहुंच चुके हैं। सभी जवान सुरक्षित हैं।

50 किमी चलकर पहुंचे जवान

पुलिस को भेज्जी थाना क्षेत्र में कई दिनों से नक्सलियों के उपस्थिति की सूचना मिली रही थी। नक्सली भंडारपदर की पहाड़ी पर बड़ी साजिश रचने के इरादे से एकत्र हो रहे थे। इस पर तीन दिन पहले एक अभियान लांच किया गया। डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की छह टीम को एलारमड़गू, पालोड़ी और पोटकपल्ली से डीआरजी व सीआरपीएफ की टीम को अभियान पर भेजा गया था

जवान लगभग 50 किमी की दूरी तय कर मुठभेड़ स्थल तक पहुंचे थे। शुक्रवार की सुबह डीआरजी की टीम के साथ भंडारपदर में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। दस किमी की घेराबंदी के बाद नक्सलियों को आत्मसमर्पण की चेतावनी दी गई, पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई के बाद रुक-रुक कर लगभग चार घंटे तक मुठभेड़ चली। जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। जवानों के शौर्य के आगे साथियों के शव व हथियार को भी छोड़ना पड़ा।

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Satyam Tiwari

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