देश

कोरोना महामारी के बाद मंकीपॉक्स संक्रमण ने भी लोगों को खूब परेशान किया, कई देशों में फिर बढ़ने लगे उसके मामले

नई दिल्ली
पिछले कुछ वर्षों में दुनिया के कई देशों में संक्रामक बीमारियों के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। साल 2019 के अंत में शुरू हुई कोरोना महामारी के बाद मंकीपॉक्स संक्रमण ने भी लोगों को खूब परेशान किया। मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) संक्रमण कई तरह से स्वास्थ्य को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाने वाला हो सकता है। न सिर्फ इसका संक्रमण दर ज्यादा है, बल्कि संक्रमण की स्थिति में गंभीर जटिलताओं का जोखिम भी अधिक हो सकता है। मंकीपॉक्स के वैश्विक खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसे दो बार 'स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित कर चुका है।

हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कई देशों में एक बार फिर से मंकीपॉक्स के मामले रिपोर्ट होने शुरू हो गए हैं। पब्लिक हेल्थ एजेंसी ऑफ कनाडा (पीएचएसी) ने जानकारी दी है कि देश में पहली बार क्लेड-1बी स्ट्रेन के मामले की पुष्टि की गई है। क्लेड-1 संक्रमण के कारण मृत्युदर और संक्रमण दोनों का खतरा अधिक माना जाता रहा है। इससे संक्रमित लोगों में एन्सेफलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी जोखिम हो सकता है।

पीएचएसी ने एक रिपोर्ट में बताया कि संक्रमित व्यक्ति ने हाल ही में एमपॉक्स प्रभावित देश की यात्रा की थी। वहां से लौटते ही उसमें संक्रमण के लक्षण देखे गए। मंकीपॉक्स की पुष्टि के बाद संक्रमित को आइसोलेट किया गया है। इसके साथ संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की भी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। वैसे तो क्लेड II मंकीपॉक्स के मामले 2022 से कनाडा में देखे जाते रहे थे, लेकिन यह देश में क्लेड I मंकीपॉक्स का पहला पुष्ट मामला है। इससे पहले 15 नवंबर कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने अमेरिका में भी क्लेड 1 मंकीपॉक्स के पहले की पुष्टि की। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संक्रमण के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए फिर से सभी देशों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।

मंकीपॉक्स और इसका जोखिम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को मंकीपॉक्स के जोखिमों को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है, विशेषतौर पर जिन देशों में इसके मामले इन दिनों रिपोर्ट किए जा रहे हैं। एमपॉक्स (मंकीपॉक्स), मंकीपॉक्स वायरस से होने वाला एक संक्रामक रोग है। इससे दर्दनाक दाने, बढ़े हुए लिम्फ नोड्स के साथ तेज बुखार हो सकता है। इसका प्रकोप मुख्यरूप से समलैंगिक, बाइसेक्सुअल लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। इसके नए स्ट्रेन क्लेड 1 के कारण अपेक्षाकृत अधिक स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को इसके कारण मस्तिष्क में सूजन होने का जोखिम हो सकता है।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com