म्यांमार (Myanmar) में जनता ने चीन पर सेना की मदद करने का आरोप लगाकर जोरदार प्रदर्शन (Protest) किया है. इस बीच प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सेना ने पहली बार बड़े शहरों में सड़कों पर टैंक उतार दिए हैं.
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट (Myanmar Coup) के खिलाफ पिछले नौ दिनों से जारी जनता का विरोध प्रदर्शन (Protest) लगातार तेज होता जा रहा है. प्रदर्शनकारियों के निशाने पर चीन की सरकार है. इस बीच सेना ने जन विद्रोह को कुचलने के लिए टैंक तैनात किए हैं और कुछ इलाकों में गोलीबारी की भी खबरें हैं. देश में इंटरनेट को लगभग बंद कर दिया गया है. उधर, यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और कनाडा समेत 11 पश्चिमी देशों के दूतावासों ने रविवार को एक बयान जारी करके अपील की कि सुरक्षा बल हिंसात्मक कार्रवाई से परहेज करें.
म्यांमार में टेलिफोन नेटवर्क को लगभग बंद कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि म्यांमार के सुरक्षा बलों ने कचिन राज्य में मयितकयिना में एक प्लांट के बाहर प्रदर्शनकारियों के ऊपर गोली चला दी. इस घटना के फेसबुक पर जारी लाइव फुटेज में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये रबर की गोलियां थीं या असली गोलियां. रविवार शाम को टैंक और अन्य आर्मर्ड वीइकल देश के सबसे बड़े शहर यंगून, मयितकयिना और सितवे में सड़कों पर नजर आए.
बताया जा रहा है कि देश में सत्तापलट के बाद ऐसा पहली बार है कि टैंक और अन्य हथियारबंद वाहन सड़कों पर उतरे हैं. इससे पहले आंग सांग सू की की चुनी हुई सरकार को बर्खास्त करने और सेना के सत्ता अपने हाथ में लेने के विरोध में रविवार को भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया. हालांकि सैन्य शासन ने कई नागरिक स्वतंत्रातओं को निलंबित कर दिया है और अधिकारियों को बिना वारंट तलाशी करने और गिरफ्तार करने के अधिकार दे दिए हैं.
यंगून, मांडले और राजधानी नेपीता के साथ-साथ दूरदराज़ के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भी प्रदर्शन हुए. साइबर जगत में भी विरोध देखने को मिला. खुद को ‘ब्रॉदरहुड ऑफ म्यांमा हैकर्स’ नाम बताने वाले समूह ने सरकार की म्यांमार डिजिटल न्यूज़ वेबसाइट को हैक कर के विकृत कर दिया और इस पर सैन्य तख्तापलट के खिलाफ सामग्री और तस्वीरें लगा दीं. यांगून में प्रदर्शनकारी चीनी और अमेरिकी दूतावासों के बाहर जमा हुए. उनका आरोप है कि चीन सैन्य सरकार की मदद कर रहा है जबकि सेना के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिका की सराहना की.