पूर्वी लद्दाख के पैंगांग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया योजना के मुताबिक चल रही है और अगले छह से सात दिनों में वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है.
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अब धीरे-धीरे भारत और चीन के बीच तनाव कम होता दिखाई दे रहा है. चीन ने फिंगर 5 (Finger 5) पर बनाए अपने हेलिपैड और अस्थाई जेटी को नष्ट कर दिया है. डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत दोनों देशों की सीनाएं पीछे हट रही है. पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सेनाओं को पीछे हटाए जाने को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है.
पिछले साल भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद चीन ने पैंगोन्ग त्सो झील के उत्तरी किनारे के पास फिंगर 5 पर हेलिपैड और अस्थाई जेटी बनाया था. साथ ही सेना के लिए भी किलेबंदी की जा रही थी. लेकिन अब सेना के डिसइंगेजमेन्ट की प्रक्रिया के तहत चीन इन ढांचों को हटा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि सारे सैनिक जल्दी ही वापस चले जाएंगे.
पूर्वी लद्दाख के पैंगांग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया योजना के मुताबिक चल रही है और अगले छह से सात दिनों में वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है और क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है.
दोनों पक्षों के फील्ड कमांडर लगभग रोजाना बैठक कर रहे हैं ताकि वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें, जिसे नौ दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के बाद पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया था.रक्षा मंत्री ने कहा था कि अलग-अलग स्तरों पर चीन के साथ हुई वार्ता के दौरान भारत ने चीन को बताया कि वह तीन सिद्धांतों के आधार पर इस समस्या का समाधान चाहता है. उन्होंने कहा, ‘पहला, दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को माना जाए और उसका सम्मान किया जाए. दूसरा, किसी भी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास नहीं किया जाए. तीसरा, सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए.’