पंजाब (Punjab) में हुए नगर निगम चुनाव (Civic Elections) के नतीजों में न केवल पंजाब में बीजेपी (BJP) के प्रति लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की भी झलक साफ कर दी है.
कृषि कानून (Agricultural Law) के विरोध में पिछले 82 दिनों से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे किसानों ने पंजाब (Punjab) में हुए निकाय चुनाव (Civic Elections) में बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. नगर निगम चुनाव के नतीजों में न केवल पंजाब में बीजेपी (BJP) के प्रति लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की भी झलक साफ कर दी है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस चुनाव को सभी पार्टियों के लिए अग्नि परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा था.
बता दें कि पंजाब में 14 फरवरी को 117 स्थानीय निकायों के चुनाव हुए थे, जिसमें से 109 नगरपालिका परिषद और नगर पंचायत हैं, वहीं, 8 नगर निगम शामिल हैं. आठ नगर निगम अबोहर, बठिंडा, बाटला, कपूरथला, मोहाली, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा और 109 नगर पालिका परिषदों के 2252 वार्ड्स के चुनाव परिणाम आज घोषित किए जा रहे हैं. अभी तक की मतगणना पर गौर करें तो ये चुनाव पूरी तरह से कांग्रेस की तरफ जाता दिखाई दे रहा है. शुरुआती नतीजों में कांग्रेस जहां कमाल करती दिख रही है, वहीं नतीजों से ऐसा लग रहा है कि भाजपा को कृषि कानूनों का नुकसान हो चुका है. बता दें कि कांग्रेस ने आठ नगर निगम में से 7 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. मोहाली नगर निगम का परिणाम कल आएगा. इस तरह से देखें तो कांग्रेस ने सभी 7 नगर निगमों पर कब्जा कर लिया है.
नगर निगम के चुनाव नतीजों पर एक नजर
बठिंडा नगर निगम: कांग्रेस 47, अकाली दल 03, बीजेपी 0, आम आदमी पार्टी 0, निर्दलीय 0
बाटला नगर निगम: कांग्रेस 35, अकाली दल 6, बीजेपी 4, AAP 3, निर्दलीय 1
मोगा नगर निगम: कांग्रेस 20, अकाली दल 15, बीजेपी 1, AAP 4, निर्दलीय 10
कपूरथला नगर निगम: कांग्रेस 43, अकाली दल 3, निर्दलीय 2
पठानकोट नगर निगम: कांग्रेस 37, अकाली दल 1, बीजेपी 11, निर्दलीय 1
अबोहर नगर निगम: कांग्रेस 49, अकाली दल 1
होशियारपुर नगर निगम : कांग्रेस 31, अकाली दल 0, बीजेपी 4, आम आदमी पार्टी 2, निर्दलीय –0
बीजेपी को चुनाव में आधे उम्मीदवार ही मिल सके थे
बता दें कि राज्य में 14 फरवरी को नगर निकायों के चुनाव के लिए 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था. यहां के आठ नगर निगमों के 2302 वार्ड और 109 नगर परिषदों के लिए कुल 9222 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस बार के चुनाव में किसान आंदोलन का असर पहले से ही दिखने लगा था. बीजेपी को चुनाव के लिए पूरे उम्मीदवार भी नहीं मिल सके थे. बीजेपी ने इस चुनाव में केवल 1003 उम्मीदवार ही उतारे थे. जबकि 2, 832 निर्दलीय उम्मीदवार, 2,037 कांग्रेस, 1,606 आम आदमी पार्टी और 1,569 शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार मैदान में थे.