विदेश

अमेरिका की चीन की 200 कंपनी पर बैन की तैयारी, चिप निर्माण और सामग्री सप्लाई करने वाली प्रमुख कंपनियां शामिल

वाशिंगटन

ग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 200 चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित व्यापार सूची में डालने जा रही है, जिसमें चिप निर्माण उपकरण और सामग्री सप्लाई करने वाली प्रमुख कंपनियां शामिल होंगी।

यह कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को और मुश्किल बना सकता है। इस लिस्ट में हुवावे टेक्नोलॉजीज और उससे जुड़े चिप निर्माण प्लांट्स को भी निशाना बनाया गया है। हुवावे 2019 से ही अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। अमेरिका के ये नए प्रतिबंध चीन की चिप सप्लाई चेन को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। इनसे वेंचर कैपिटल और विशेष गैस सप्लाई करने वाली

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इन प्रतिबंधों को अनुचित बताते हुए कहा है कि ये कदम अमेरिका-चीन आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी विवाद और गहरा हो गया है। अमेरिका के इन प्रतिबंधों का उद्देश्य चीन को एडवांस तकनीकों तक पहुंच से रोकना है, जिनसे उसकी सैन्य ताकत बढ़ सकती है।

पिछले प्रतिबंधों के तहत अमेरिका ने चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उद्योग को Nvidia और ASML जैसी कंपनियों की एडवांस चिप्स और उपकरणों से वंचित कर दिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए बड़ा झटका होगा।

यह तकनीकी विवाद अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को और तेज कर रहा है, जिसका असर वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग पर गहराई से पड़ सकता है।

दुविधा में पड़ा मैक्सिको
चीन की यह योजना मैक्सिको को एक दुविधा में डालती हैं, जिसे ट्रम्प की सोमवार को दी गई धमकी ने और भी बदतर बना दिया है. ट्रंप ने साफ कहा है कि वह मैक्सिको के सामानों पर 25% टैरिफ लगाएंगे. देश में पहले से ही एक प्रमुख कार-निर्माण केंद्र है और आमतौर पर विदेशी निवेश का स्वागत करता है क्योंकि इससे रोजगार मिलता है. BYD, जो दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं में से एक है, उसका प्‍लांट लगना सामान्यतः एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती. लेकिन, मैक्सिको के अधिकारियों को डर है कि BYD का प्लांट ट्रम्प और उनके व्यापारिक सलाहकारों को गलत संदेश भेजेगा.

चीन तलाश रहा पिछला दरवाजा
मैक्सिको के अधिकारियों को लगता है कि अगर चीनी कंपनी उनके यहां आई तो अमेरिकी प्रशासन को यही लगेगा कि मैक्सिको चीनी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रवेश का पिछला दरवाजा बनना चाहता है. यह हालात इसलिए और भी गंभीर नजर आ रहे हैं, क्‍योंकि अवैध घुसपैठ और ड्रग्‍स को लेकर पहले से ही मैक्सिको अमेरिका के निशाने पर है.

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