देश

पश्चिम बंगाल और ओडिशा एक बार फिर आलू को लेकर आमने-सामने, ममता ने रोके ट्रक, माझी सरकार की बढ़ी दिक्कत

भुवनेश्वर
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में बढ़ रही आलू की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ट्रकों के बाहर जाने पर रोक लगा दी है। इसके बाद आलू से भरे ट्रक ओडिशा और अन्य सीमावर्ती राज्यों में नहीं जा रहे हैं। इस फैसले से ओडिशा की माझी सरकार संकट में है। राज्य में आलू की बढ़ती मांग के बीच पश्चिम बंगाल की रोक ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा एक बार फिर आलू को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में बढ़ रही आलू की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ट्रकों के बाहर जाने पर रोक लगा दी है। इसके बाद आलू से भरे ट्रक ओडिशा और अन्य सीमावर्ती राज्यों में नहीं जा रहे हैं। ममता दीदी के इस फैसले से ओडिशा की माझी सरकार संकट में है। राज्य में आलू की बढ़ती मांग के बीच पश्चिम बंगाल की रोक ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि ओडिशा के मंत्री कह रहे हैं कि वे अब ममता सरकार से गुहार नहीं लगाएंगे और यूपी से आलू मंगा रहे हैं। इन सबके बीच ओडिशा में आलू की कीमतें 45 से 50 रुपये किलो के पार पहुंच गईं हैं।

जानिए क्या मामला है
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राज्य से बाहर आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी। पश्चिम बंगाल का  आलू ओडिशा, झारखंड, असस समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में जाता है। पश्चिम बंगाल में लगातार बढ़ रहे आलू के दामों पर अंकुश लगाने के लिए ममता बनर्जी ने यह निर्देश दिए। इसके बाद पश्चिम बंगाल से अलग-अलग राज्यों को रवाना हुए आलू से भरे ट्रकों को सीमाओं पर रोक दिया गया। यहां ट्रक ड्राइवरों को कहा गया कि वे अपने ट्रक जहां से लाए हैं, वहां वापस ले जाएं। इसके बाद ट्रक वापस लौट गए।

ओडिशा सरकार ने क्या कहा
पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर ओडिशा की माझी सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है। ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने ममता बनर्जी पर आलू की आपूर्ति पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हम पश्चिम बंगाल से आपूर्ति बहाल करने का अनुरोध नहीं करेंगे। पहले भी वे ऐसा कर चुकी हैं। अगर पश्चिम बंगाल अपनी तरफ से आलू भेजता है, तो ओडिशा इसे स्वीकार कर लेगा।

सामान की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं
मंत्री पात्रा ने कहा कि किसी भी राज्य में सब्जियों या सामान की आपूर्ति को प्रतिबंधित करना उचित नहीं है क्योंकि सभी राज्य एक देश का हिस्सा हैं और सभी को एक साथ रहना चाहिए। पश्चिम बंगाल भी मछली और अन्य वस्तुओं के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। अगर चाहे तो ओडिशा भी मालवाहक वाहनों को अपनी सीमा पर रोक सकता है। लेकिन, हम ऐसा नहीं करेंगे। हमने आलू की आपूर्ति की व्यवस्था कर ली है। उत्तर प्रदेश से राज्य में आलू आना शुरू हो गया है। यूपी से लाए गए आलू पर उपभोक्ताओं को 2 रुपये प्रति किलो का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। ओडिशा सरकार ने अगले दो वर्षों में राज्य को आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक कार्य योजना बनाई है।

ओडिशा में बढ़ गईं आलू की कीमतें
पश्चिम बंगाल द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के चलते ओडिशा के स्थानीय बाजारों में सब्जी की खुदरा कीमत बढ़ गई है। व्यापारियों ने कहा कि तीन दिन पहले ओडिशा के बाजारों में जो आलू 33 से 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वह अब 45 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

ओडिशा के लिए क्यों जरूरी बंगाल का आलू
ओडिशा के लिए बंगाल का आलू काफी मायने रखता है। दरअसल, बंगाल देश का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। यहां हर साल 110 लाख टन आलू का उत्पादन होता है। इसमें से 20 से 22 लाख टन आलू दूसरे राज्यों में जाता है। वहीं ओडिशा को हर साल 13 लाख टन मीट्रिक टन आलू की जरूरत होती है। मगर यहां महज तीन लाख टन आलू का ही उत्पादन होता है।

 

Tags

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com