मध्यप्रदेश

आईआईटी इंदौर ने किसानों की फसल सुरक्षा के लिए स्मार्ट स्टोरेज तकनीक की विकसित

 इंदौर

आईआईटी इंदौर ने छोटे और मध्यम किसानों की फसल सुरक्षा के लिए एक अनूठी और सस्ती स्मार्ट स्टोरेज तकनीक विकसित की है, जो किसानों को महंगे कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता से मुक्त कर सकती है। यह तकनीक विशेष रूप से उन किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए बड़े और महंगे कोल्ड स्टोरेज का खर्च नहीं उठा सकते। "चलो गांव की ओर" अभियान के अंतर्गत विकसित यह स्मार्ट स्टोरेज तकनीक किसानों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो सकती है।

आईआईटी इंदौर ने दावा किया है कि यह तकनीक फसलों और सब्जियों को लंबे समय तक ताजा और सुरक्षित रखने के लिए गेमचेंजर साबित होगी। इसका उपयोग छोटे किसानों द्वारा घर के एक कमरे में आसानी से किया जा सकता है। इस स्मार्ट स्टोरेज सिस्टम को 10 बाय 10 फीट के छोटे से कमरे में फिट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यह तकनीक कम जगह में भी प्रभावी रूप से काम कर सके। यह न केवल फसल और सब्जियों को संरक्षित रखने में मदद करेगा, बल्कि इनकी गुणवत्ता को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा।

इस तकनीक की खासियत यह है कि यह फोटोडायनामिक इनेक्टिवेशन (PDI) तकनीक पर आधारित है। इसमें 455 और 476 एनएम के प्रभावी वेवलेंथ पर फोटोसेंसिटाइजर और फ्लैश लाइट के साथ विटामिन बी-2 स्प्रे का उपयोग किया गया है। यह संयोजन खाद्य पदार्थों पर मौजूद कीटाणु और रोगाणुओं को पूरी तरह से नष्ट कर देता है, जिससे फसल और सब्जियों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाया जा सकता है। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने इस तकनीक की सराहना करते हुए कहा कि यह कोल्ड स्टोरेज का एक उत्कृष्ट और किफायती विकल्प है।

इस तकनीक का आविष्कार प्रोफेसर देबायन सरकार के नेतृत्व में किया गया है, जिसमें छात्र नीलाद्रि शेखर रॉय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि किसान अपने घर के किसी एक कमरे में ही इसे स्थापित कर सकते हैं। यह स्मार्ट स्टोरेज सिस्टम बड़ी मात्रा में सब्जियों और फलों को संरक्षित रखने में सक्षम है। यह न केवल फसलों को लंबे समय तक ताजा बनाए रखता है, बल्कि साग-सब्जियों की गुणवत्ता को भी बनाए रखने में मदद करता है। इस सिस्टम में लगाए गए कैमरे की मदद से किसान स्टोरेज में रखे उत्पादों पर नजर रख सकते हैं।

आईआईटी इंदौर की यह पहल विशेष रूप से देश के छोटे और गरीब किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। अक्सर किसान अपनी फसल को महंगे कोल्ड स्टोरेज में रखने में असमर्थ होते हैं, जिसके कारण उनकी फसल खराब हो जाती है और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यह नई तकनीक ऐसे किसानों को एक किफायती और प्रभावी समाधान प्रदान करती है। इसके उपयोग से किसान अपनी फसल को सुरक्षित रखकर बेहतर मुनाफा कमा सकेंगे।

इस तकनीक की एक और बड़ी विशेषता यह है कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतों और चुनौतियों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। यह न केवल छोटे और मध्यम किसानों के लिए मददगार है, बल्कि यह बड़े पैमाने पर कृषि उत्पादन को भी बेहतर बनाएगी। आईआईटी इंदौर के इस नवाचार से न केवल किसानों का खर्च कम होगा, बल्कि उनकी आय भी बढ़ेगी।

 

 

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