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एक महीने में 8वीं बार बंगाल से जुड़े PM:IIT खड़गपुर के दीक्षांत समारोह में मोदी बोले- आपमें पैटर्न से पेटेंट तक ले जाने की समझ, इसी से लॉन्गटर्म सॉल्यूशन मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IIT खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। एक महीने के अंदर ये 8वीं बार है, जब प्रधानमंत्री अलग-अलग आयोजनों के माध्यम से बंगाल से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्टूडेंट्स को रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत की याद दिलाई। कहा, ‘इन लोगों ने देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। आप भी इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।’

उन्होंने इस दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का उद्घाटन भी किया। PM एक दिन पहले ही राज्य के हुगली में रेलवे के प्रोग्राम में पहुंचे थे।

मोदी के भाषण की

भविष्य के लिए इनोवेशंस आज ही करने होंगे
आपकी डिग्री लोगों के लिए एक आशापत्र है, जिसे भविष्य में आपको पूरा करना है। आज से 10 साल बाद क्या जरूरतें होने वाली हैं, उनकी इनोवेशंस हमें आज ही बनानी होंगी। इंजीनियर होने के नाते आपमें एक सहज क्षमता होती है, चीजों को पैटर्न से पेटेंट तक ले जाने की। हर समस्या के साथ पैटर्न जुड़े होते हैं। पैटर्न की समझ हमें लॉन्गटर्म सॉल्यूशन की तरफ ले जाती है। सोचिए कि आप कितने जीवन बचा सकते हैं, कितने बदलाव ला सकते हैं। जीवन के जिस मार्ग पर आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें आगे कई सवाल भी आएंगे। इनस सेल्फ अवेयरनेस और सेल्फनेस की भावना से निपट सकते हैं।

असफलता भी रास्ता खोलेगी
आप सभी साइंस और इनोवेशन के मार्ग पर चले हैं, उसमें जल्दबाजी की कोई जगह नहीं है। आप जो काम कर रहे हैं, हो सकता है कि उसमें पूरी सफलता न भी मिले। जो असफलता मिलेगी, उससे भी सीखेंगे, उससे भी एक नया रास्ता मिलेगा। 21वीं सदी के भारत की स्थिति और एस्पिरेशन बदल गई हैं। हमारी IITs जितना भारत की चुनौतियों को दूर करने की कोशिश करेंगी, उतना ग्लोबल अप्लीकेशन की ताकत बनेंगी। जब दुनिया क्लाइमेट चेंज के संकट से जूझ रहे है, तब भारत ने सोलर पावर (IISA) का विकल्प रखा। भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी चाहिए, जो ड्यूरेबल होने के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों के काम आए।

नई टेक्नोलॉजी लाने की जरूरत
टेक्नोलॉजी की मदद से हम ऐसी व्यवस्थाएं कैसे विकसित करें कि प्राकृतिक आपदा में कम से कम नुकसान हो। आज खड़गपुर समेत देश के पूरे आईआईटी नेटवर्क से देश को अपेक्षा है कि आप अपना विस्तार करें। हमें देश को प्रिवेंशन से लेकर क्योर तक के समाधान देने हैं। लोग पहले थर्मामीटर-जरूरी दवाएं रखते थे, अब शुगर, ब्लड प्रेशर चेक करने की मशीनें भी घरों में होने लगी हैं। कोरोना के बाद की परिस्थितियों को देखते हुए भारत दुनिया में अपना स्थान बना सकता है। मुझे बताया गया है कि जिमखाना में आप कई एक्टिविटीज में हिस्सा लेते हैं।

अतीत की प्रेरणाएं लोगों तक पहुंचाएं
हमें केवल एक दिशा में नहीं चलना है। नई शिक्षा नीति में इस पर भी काफी ध्यान दिया गया है। इस साल भारत आजादी के 75वें साल में प्रवेश करने वाला है। आपके लिए ये इसलिए भी अहम है, ये स्थान आजादी के महान आंदोलन से जुड़ा है। ये धरती टैगोर और सुभाष बोस के विचारों की साक्षी रही है। अतीत की प्रेरणाओं को लोगों तक पहुंचाएं। इससे आने वाली पीढ़ियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

बलरामपुर में बना है श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है। यह पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बलरामपुर में है। इसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर ने शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया है। इसमें 650 बेड हैं और लागत 250 करोड़ रुपए आई है।

इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद रहेंगे।

पीएम ने कहा- बंगाल अब पोरिबर्तन का मन बना चुका
प्रधानमंत्री ने हुगली में उन्होंने कहा कि अब पश्चिम बंगाल पोरिबर्तन (बदलाव) का मन बना चुका है। TMC पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मां, माटी, मानुष की बात करने वाले बंगाल के विकास के आगे दीवार बनकर खड़े हो गए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस कार्यक्रम से दूर ही रहीं।

बंगाल की जनता से कब-कब रूबरू हुए पीएम?
22 फरवरी :
हुगली में कई योजनाओं को लॉन्च किया। जनसभा को संबोधित किया।
19 फरवरी : विश्वभारतीय यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
7 फरवरी : हल्दिया में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। रसोई गैस से जुड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
31 जनवरी : रामकृष्ण मिशन की ओर से आयोजित प्रबुद्ध भारत कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
27 जनवरी : मल्टी मॉडल प्लेटफार्म के तहत पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों के लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
23 जनवरी : प्रधानमंत्री विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे।
12 जनवरी : स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुरुआत की।

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