कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन के उठने के बाद से कारोबारी गतिविधियां बढ़ रही हैं और बिजली की मांग में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) के मुताबिक यह स्थिति वित्त वर्ष 2022 में बनी रह सकती है, लेकिन कम से कम मीडियम टर्म में मांग के मुकाबले सप्लाई ज्यादा रह सकती है। ऐसे में ब्रोकरेज हाउस ने पावर सेक्टर के कुछ शेयरों का एनालिसिस किया है, जिससे इस सेक्टर पर दाव के लिए शेयर चुनने में मदद मिल सकती है।
NTPC
MOFSL ने इसके लिए बाय रेटिंग के साथ 141 रुपए का टारगेट प्राइस तय किया है जो मौजूदा बाजार भाव से 30% ज्यादा है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक कंपनी 12 गीगा वॉट कैपेसिटी के प्रोजेक्ट बनाने में जुटी है। इससे अगले तीन साल के लिए इसकी रेगुलेटेड इक्विटी में ग्रोथ से जुड़ी विजिबिलिटी मिलती है। FY21-23 के दौरान 12 गीगा वॉट कैपेसिटी से कमर्शियल प्रॉडक्शन शुरू हो जाएगा।
रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस पर कंपनी का फोकस बढ़ रहा है। उसने हाल में चार बिड में 1.4 गीगा वॉट के प्रोजेक्ट हासिल किए हैं। 2 गीगा वॉट के रिन्यूएबल प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है जो FY22/FY23 चालू हो सकते हैं।
इसमें 22.2 रुपए के ईपीएस के हिसाब से 7.9 पी/ई पर ट्रेड हो रहा है और इसकी डिविडेंड यील्ड 2.9% है। 2022 में 16.8 रुपए के अनुमानित ईपीएस के हिसाब से 6.5 पी/ई पर ट्रेड कर सकता है और डिविडेंड यील्ड 6.4% है।
टोरेंट पावर
ब्रोकरेज फर्म ने इसके लिए भी बाय रेटिंग दी है और 463 रुपए का टारगेट प्राइस तय किया है जो मौजूदा बाजार भाव से 15% ज्यादा है। कोविड-19 के चलते आगरा और भिवंडी में पावर डिस्ट्रीब्यूशन को झटका लगा था। डिमांड और कलेक्शन में रिकवरी हो चुकी है और इसकी प्रॉफिटेबिलिटी में नए वित्त वर्ष में रिकवरी होने का अनुमान है।
पिछले कुछ वर्षों में सीएनजी के दाम कम रहने से गैस प्लांट का आउटलुक बेहतर हुआ है। गैस का दाम कम रहने और बिजली की मांग बढ़ने पर कंपनी को फायदा होगा। मजबूत बैलेंसशीट के चलते पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर के प्राइवेटाइजेशन से बनने वाले मौकों का फायदा उठा सकती है।
इसमें फिलहाल 28 रुपए के ईपीएस के हिसाब से 9.7 पी/ई पर ट्रेड हो रहा है। इसमें अगले साल 22.6 रुपए के ईपीएस के हिसाब से पी/ई 17.9 पर ट्रेड हो सकता है। इसकी डिविडेंड यील्ड अभी 4.3% है जो अगले साल 1.6% हो सकती है।
टाटा पावर
MOFSL ने इसके लिए भी बाय रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 123 रुपए तय किया है जो मौजूदा बाजार भाव से 15% ऊपर है। कंपनी अपने ऊपर से कर्ज का बोझ घटा रही है। इसके लिए उसने साउथ अफ्रीकी जेवी सेनर्जी में अपनी हिस्सेदारी और शिपिंग कंपनियों को बेचा है और टाटा संस को प्रेफरेंशियल शेयर जारी किए हैं।
कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस कर रही है। कंपनी ने हर साल दो गीगा वॉट रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट हासिल करने पर फोकस कर रही है। सोलर ईपीएस स्पेस में कंपनी का कारोबार काफी बढ़ रहा है। कंज्यूमर फेसिंग बिजनेस में कंपनी की मौजूदगी बढ़ रही है। ईपीसी बिजनेस बढ़ने और कर्ज में कमी आने से कंपनी को फायदा होगा।
इसकी ईपीएस ग्रोथ पिछले वित्त वर्ष में 78.2 पर्सेंट रही थी। इस साल यह 4.3 पर्सेंट और अगले साल 37.2 पर्सेंट हो सकती है। इस साल इसका ईपीएस 3.8 रुपए है जो अगले साल 3.9 रुपए हो सकता है। अभी 28.5 के पी/ई पर ट्रेड कर रहे शेयर का वैल्यूएशन अगले साल 27.4 हो सकता है।
JSW एनर्जी
ब्रोकरेज फर्म ने हालांकि JSW एनर्जी के लिए रेटिंग को डाउनग्रेड करके न्यूट्रल कर दिया है और इसके लिए 85 रुपए का टारगेट प्राइस तय किया है। यह मौजूदा बाजार भाव से 5% ज्यादा है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि लॉन्ग टर्म पीपीए से कैश जेनरेशन और प्रॉफिटेबिलिटी का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
JSW एनर्जी भी रिन्यूएबल पोर्टफोलियो पर फोकस कर रही है लेकिन इस मोर्चे पर खास प्रगति नहीं हो पाई है। मर्चेंट मार्केट में कंपनी का कारोबार सुस्त चल रहा है। कोविड के चलते डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर इसका बकाया बढ़ा था लेकिन डिमांड में रिकवरी होने से इसके कर्ज में कमी आई है।
इसमें फिलहाल 16 के पी/ई पर ट्रेड हो रहा है और अगले साल इसका यह वैल्यूएशन 17 पर पहुंच सकता है। दरअसल इसका ईपीएस अभी 5.1 रुपए है जिसके अगले साल 4.8 रुपए रह जाने का अनुमान है।