मध्यप्रदेश

देश के पांच प्रदेशों के छः वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न

उज्जैन
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के नवनियुक्त वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख को प्रथम चरण अंतर्गत नार्म, हैदराबाद में प्रशिक्षण उपरांत द्वितीय चरण: प्रबंध विकास कार्यक्रम, कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन का भा.कृ.अनु.प. नई दिल्ली द्वारा सर्वोत्तम संस्था के रूप में चयनित होने पर, पांच प्रदेशों के छः वरिष्ठ वैज्ञानिकों क्रमश: डॉ. व्ही. दामोदरण (अंडमान), डॉ.राजीव सिंह (हमीरपुर, उ.प्र.), डॉ. दुष्यंत के. राघव (मालदा, प.बं.), डॉ.संतोष कुमार (निकोवार द्वीप), डॉ.दीपक राय (कुंठी, झारखंड) तथा डॉ.मानधाता सिंह (देवरिया,उ.प्र.) को संस्था प्रमुख डॉ.ए.के. दीक्षित के सानिध्य में दस दिवसीय 14-23 दिसम्बर 2024 तक विभिन्न पहलुओं जैसे कार्ययोजना तैयार कर किसानों के खेतों पर रणनीत अनुसार लागू करने साथ ही समय-समय पर प्रभावी निरीक्षण, वित्तीय प्रबंधन आदि पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों द्वारा दी गई।

 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में ऑनलाईन एवं ऑफलाईन माध्यम से विभिन्न तकनीकी जानकारियों एवं अनुभवों को ऑनलाईन मोड में प्रोफेसर ए.के.शुक्ला (कुलगुरू, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि.ग्वालियर), प्रोफेसर ए.के.सिंह (कुलपति, केन्द्रीय कृषि विष्वविद्यालय, झांसी), डॉ.एस.के. चतुर्वेदी (निदेशक, भारतीय दलहन अनुसंधान कानपुर), डॉ. नंदकिशोर वाजपेयी (निदेशक विस्तार सेवायें, कृषि विश्वविद्याालय, बांदा) साझा किया गया।

      ऑफलाईन मोड में डॉ.दिलीप कुमार, पूर्व वैज्ञानिक अन्तर्राष्ट्रीय खाद्य एवं कृषि संगठन (एफ.ए.ओ.), एवं मुख्य तकनीकी सलाहकार, राष्ट्रीय कृषि कार्ययोजना परिषद, डॉ. एस.आर.के.सिंह, निदेशक अटारी जोन-9 म.प्र एवं छत्तीसगढ, डॉ.के.एच.सिंह, निदेशक सोयाबीन अनुसंधान केन्द्र,भा.कृ.अनु.के. इंदौर, प्रोफे. केशव, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली, प्रोफेसर मुकेश श्रीवास्तव, पादप रोग विज्ञान, चंद्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर, डॉ. डी.के.पालीवाल, वैज्ञानिक सस्य विज्ञान, रा.वि.सिं.कृ.वि.वि.,ग्वालियर द्वारा नवनियुक्त वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं प्रमुखों को कृषि विज्ञान केन्द्रों के महत्वता एवं प्रतिपादित किये जाने वाले कार्यो तथा कृषकों के हित में स्थानीय स्तर पर अनुसंधान उपरांत नवीन तकनीकियों को प्रयोगशाला से खेत तक एवं देखकर सीखने आदि जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपने अनुभवों को साझा किया। जिससे भविष्य के चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। संस्था प्रमुख डॉ.ए.के.दीक्षित ने कृषि विज्ञान केन्द्र की सुचारूबद्व योजनायें, क्रियान्वयन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण पावर पाईंट के माध्यम से समझाया। डॉ. रेखा तिवारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण एवं पोषण सुरक्षा, डॉ.सविता कुमारी, तकनीकी अधिकारी द्वारा मृदा के स्वास्थ्य (कार्बनिक द्रव्य के कमी की चुनौति) के साथ ही मानव जगत के स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पर अपनी बात रखी एवं दस दिवसीय कार्यक्रम के संचालन डॉ. सविता कुमारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एच.आर.जाटव, वैज्ञानिक की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में डॉ. एस.के.कौशिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डी.के.सूर्यवंशी, वैज्ञानिक एवं डॉ.मौनी सिंह, सहा.मुख्य तकनीकी अधिकारी, अजय गुप्ता, श्रीमति सपना, श्रीमति रूचिका चौहान उपस्थित रहें।

      उपरोक्त 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के प्रगतिषील किसान डॉ. योगेन्द्र कौषिक (अजड़ावदा), अष्विनी सिंह (पिपलियाहामा), सतीश शर्मा, (बिछडोद) हाकम सिंह आंजना (बूचाखेड़ी), राजेन्द्र सिंह (बरखेड़ी), राजेन्द्र सिंह (निनौरा), ईश्वर सिंह (गुराडिया गुर्जर) द्वारा अपनी जुबानी अपने अनुभवों को साझा किया। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, उज्जैन के गांव पालखेडी तालौद में प्राकृतिक खेती एवं उद्यानिकी आधारित समन्वित खेती प्रणाली एमआईटी कॉलेज का भ्रमण किया, इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, आगर मालवा, कुण्डालिया डेम, प्रगतिशील कृषक राधेश्याम परिहार, के द्वितीयक खेती जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा कर अनुभव प्राप्त किया गया।

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com