भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सभी प्रकार के लंबित अधोसंरचनात्मक विकास एवं निर्माण कार्य नियोजित ढंग से जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोई कमी न रहे। कार्य की गुणवत्ता से ही अधिकारियों का कार्य प्रदर्शन मूल्यांकन किया जाएगा। सुनिश्चित करें कि सभी प्रकार के कार्य तय समय-सीमा में ही पूरे हों। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में रीवा एवं शहडोल संभाग के विकास एवं निर्माण कार्यों संबंधी उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को उक्त आशय के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य मापदंडों के अनुरूप या गुणवत्ताविहीन पाए गए, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र कुमार शुक्ल, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, रीवा संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया, शहडोल संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई सहित अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, प्रमुख सचिव श्री संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव श्री दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव श्री विवेक पोरवाल एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में दोनों संभागों के सांसद, विधायक भी वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में जल संसाधन विभाग/म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, वन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, नगरीय प्रशासन एवं आवास विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास,जनजातीय कार्य विभाग, स्कूल शिक्षा, संस्कृति विभाग से जुड़े बिन्दुओं एवं लंबित कार्यों पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
जन-प्रतिनिधियों के सुझाव सुनें, उन पर अमल भी करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनता से जुड़े कार्यों में जन-प्रतिनिधियों के सुझाव लिये ही जाने चाहिए। इसलिए सभी विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभाग के निर्माण कार्यों के संबंध में स्थानीय सांसद, विधायक एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद करें, उनसे सुझाव लें और इन सुझावों को अमल में भी लाएं। उन्होंने कहा कि जिन निर्माण कार्यों के पूरा होने से जनता को तुरंत राहत एवं सुविधा मिले ऐसे निर्माण कार्य प्राथमिकता से पूरे किए जाएं।
प्रभारी अपर मुख्य सचिव करें जिलेंवार समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संभाग स्तरीय बैठकों में जिले के जन-प्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इसलिए अब सभी संभागों के प्रभारी अपर मुख्य सचिव पहले जिलेंवार समीक्षा करें, सभी विधायकों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बात और सुझाव सुनें, इसके बाद ही संभाग स्तर की बैठक में समन्वित रूप से लंबित निर्माण कार्यों की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि सीधी जिले की गोड सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। सीधी -सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग के उन्नयन कार्य की पूर्णता में आ रहे अवरोधों को दूर कर शेष काम भी शीघ्रता पूर्वक पूरा कराया जाए।
मैहर एवं मऊगंज में बनेगा नया कलेक्ट्रेट
रीवा संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव ने बताया कि रिडेन्सीफिकेशन योजना के अंतर्गत नवगठित मैहर एवं मऊगंज जिले में नवीन कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण किया जाएगा। मऊगंज में 3 सी टाईप के आवास गृहों का निर्माण भी पीडब्ल्यूडी (भवन विंग) द्वारा किया जाएगा। दोनों जिलों के नए कलेक्ट्रेट भवन करीब 43-43 करोड़ रुपए की लागत से बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के अन्य जिलों में बने स्टैंडर्ड मॉडल के आधार पर दोनों नए जिलों में नवीन कलेक्ट्रेट भवन बनाने के निर्देश दिए। जन-प्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने सिंगरौली जिले के चितरंगी में शासकीय जगन्नाथ सिंह स्मृति महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर संस्कृत, समाजशास्त्र एवं गृह विज्ञान आदि संकायों तथा इसी कॉलेज में स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दी साहित्य, समाज शास्त्र, भूगोल, संस्कृत, राजनीति शास्त्र एवं इतिहास संकाय का भी संचालन करने की स्वीकृति दी।
चित्रकूट का अयोध्या की तर्ज पर होगा विकास
नगरीय विकास एवं आवास विकास विभाग की समीक्षा में चित्रकूट के विकास पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पवित्र नगरी चित्रकूट का अब अयोध्या की तर्ज पर विकास किया जाएगा। प्रभारी अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चित्रकूट के समग्र विकास के लिए नगर परिषद चित्रकूट द्वारा 60 करोड़ रुपए और म.प्र. हाऊसिंग बोर्ड द्वारा 88 करोड़ रुपए का विकास प्रस्ताव शासन को भेजा गया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चित्रकूट के सर्वांगीण विकास के लिए एक इक्जाई डेवलेपमेंट प्लान बनाया जाए। इसके लिए सबसे सुझाव भी लिए जाएं और सबके सुझावों को समाहित कर चित्रकूट का रामनगरी अयोध्या की तरह वास्तविक विकास किया जाए।
मैहर में माँ शारदा लोक के निर्माण की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैहर के विश्व प्रसिद्ध माँ शारदा मंदिर के समग्र विकास के लिए यहां माँ शारदा लोक का निर्माण किया जाएगा। संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मस्व विभाग मिलकर यह काम करें, जिससे माँ शारदा लोक का निर्माण जल्द से जल्द हो सके। कमिश्नर रीवा श्री बी.एस. जामोद ने बताया कि माँ शारदा लोक निर्माण के लिए कार्यपालन यंत्री पर्यटन विभाग, रीवा द्वारा प्रारंभिक डिजाइन तैयार कर ली गई है। इसके निर्माण के लिए उच्च स्तर पर स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है।
प्रभारी अपर मुख्य सचिव 7 जनवरी को शहडोल में करें समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहडोल संभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जन-प्रनिधियों के सभी सुझावों पर कार्यवाही की जाएगी। आवश्यकतानुसार विकास कार्य कराए जाएगें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। शहडोल संभाग के अंतर्गत सोन नदी में सेतू भी बनाया जाएगा। संभाग में जरूरी मानव संसाधन की पूर्ति की जाएगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को बताया कि शहडोल संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई 7 जनवरी 2025 को शहडोल में बैठक लेंगे। सभी जनप्रतिनिधि अपने सुझाव-पत्र दें।