राज्यों से

प्रयागराज में गंगा नदी पर तैयार हो रहा स्टील ब्रिज, 4500 टन स्टील-लोहा, 60 करोड़ लागत, 426 मीटर लंबाई

 प्रयागराज

महाकुंभ के दृष्टिगत फाफामऊ में सिक्सलेन पुल के विकल्प के रूप में स्टील ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ब्रिज का दो जनवरी को शुभारंभ कर सकते हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर तैयारी तेजी से चल रही है। अब इस समय मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के विशेषज्ञों की पुल की लोड टेस्टिंग का काम कर रही है। लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से यह अस्थायी ब्रिज बनाया गया है।

गंगा पर लगभग 1948 करोड़ रुपये की लागत से सिक्सलेन पुल का निर्माण चल रहा था, लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। इसलिए लगभग चार माह पहले पुल के विकल्प के रूप में स्टील ब्रिज के निर्माण का निर्णय लिया गया था। लगभग 450 मीटर लंबे दो लेन के इस स्टील ब्रिज में 4500 टन लोहे का प्रयोग हुआ है। इसके लिए तीन किमी का एप्रोच रोड का भी निर्माण कराया गया है।

पश्चिमी यूपी के श्रद्धालुओं को होगी सहूलियत

स्टील ब्रिज से पश्चिमी यूपी, अयोध्या, गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान की ओर से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को काफी सहूलियत मिलेगी। उन्हें शहर नहीं जाना पड़ेगा। गंगा किनारे रिवर फ्रंट टाइप रोड से ये वाहन सीधे महाकुंभ मेला में प्रवेश कर सकेंगे। पुल का काम देखने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी शनिवार को आए थे।

मुख्य सचिव ने रायबरेली-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का भी काम देखा था। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री भी रायबरेली से कार फाफामऊ आ सकते हैं, जहां से स्टील ब्रिज से उनका काफिला गुजरेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री कई अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे। महाकुंभ मेला क्षेत्र में चल तैयारियों का भी वह जायजा लेंगे। इसके बाद प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सभागार में समीक्षा बैठक करेंगे।

क्यों पड़ी पुल बनाने की जरूरत
26 नवंबर 2020 से गंगा नदी पर 10 किलोमीटर लंबे देश के दूसरे सबसे बड़े 6 लेन ब्रिज को बनाने का काम शुरू हुआ. ये पुल मलाका से शहर के त्रिपाठी चौराहे तक बनाया जा रहा है. इसमें करीब 4 किमी का पुल गंगा नदी पर बनना था. ये पुल NH-19: भदरी गांव (मलाका) से शुरू होकर गंगा नदी पार कर शहर के त्रिपाठी चौराहा तक बन रहा है. शिलान्यास के समय इसकी कुल लागत 980.77 करोड़ रुपए तय की गई थी. पुल की कुल लंबाई 9.9 किलोमीटर है. जर्मन तकनीक केबल और बॉक्सेस से बनने वाले देश के आधुनिकतम पुलों में से एक इस पुल के निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य तय किया गया था लेकिन ये तय समय मे पूरा नहीं हो पाया.

विकल्प के तौर पर बनाया जा रहा ये पुल
महाकुंभ-2025 के लिए यह पुल बहुत जरूरी था. वजह गंगा नदी पर बने 50 साल पुराने पुल का जर्जर होना. दूसरा यह कि एक रास्ते से करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना भी आसान नहीं है. इस पुल को फरवरी 2024 में बनकर तैयार हो जाना चाहिए था लेकिन जब ये पता चला कुंभ मेले तक ये पुल बनकर तैयार नहीं हो पाएगा तो विकल्प के तौर पर इस स्टील ब्रिज को बनाने की योजना तैयार की गई. फिलहाल स्टील के ब्रिज के निर्माण का काम अंतिम चरण में है. एक हफ्ते के अंदर पुल चालू हो जाएगा. हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पुल का निरीक्षण कर इसे जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

इस स्टील ब्रिज का निर्माण वही एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है, जो 10 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन ब्रिज का निर्माण कर रही है. 6 लेने ब्रिज समय पर पूरा नहीं हो पाया जिसके बाद कंपनी को कुंभ से पहले विकल्प के तौर पर ये स्टील ब्रिज खड़ा करना पड़ा है. अब तक 98 % तक काम पूरा हो चुका है. 4500 टन के इस ब्रिज की चौड़ाई 16 मीटर है लिहाजा पुल के एक एक पिलर की पुख्ता जांच के बाद ही इसे कार्य में लाया जाएगा.

60 दिन बाद मिट जाएगा पुल का नामों निशान
कुंभ खत्म होने के बाद इस पुल को तोड़ दिया जाएगा. अब सवाल उठता है कि पुल को तोड़ने के बाद उसमें लगे 4500 टन लोहे का क्या होगा तो एसपी सिंगला कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि काम के बाद सरकार और हमारी कंपनी की सहमति से तय किया जाएगा कि इस लोहे का क्या होगा. कंपनी के लोग कहते हैं कि ये सच है कि जब सिक्स लेन ब्रिज का काम पूरा नहीं हो पाया तो उन्हें विकल्प के तौर पर इसे बनाना पड़ा लेकिन इसको बनाने के पीछे एक मकसद यह भी है कि मेला प्रशासन को पुल के पास बड़ी पार्किंग मिल जाएगी.

लखनऊ-अयोध्या समेत पश्चिमी यूपी की तरफ से आने वाली गाड़ियों को इधर ही पार्क किया जाएगा. यहां करीब डेढ़ लाख गाड़ियों को एक साथ पार्क किया जा सकता है. यहां से संगम की दूरी 10 से 12 किमी होगी. श्रद्धालुओं को शाही स्नान और महत्वपूर्ण दिनों पर पैदल ही जाना होगा. इससे पहले गाड़ियों को फाफामऊ पुल से पहले ही रोकने की कोशिश होती थी, उस वक्त इस इलाके में भीषण जाम लग जाता था.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि स्टील ब्रिज अपने आप में अनोखा है. प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा कि कोई स्टील ब्रिज सिर्फ 2 महीने के लिए बनाया जा रहा. 2 महीने बाद यहां से इस पुल का नामोनिशान मिट जाएगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि बगल में बनने वाला सिक्स लेन ब्रिज जल्द आम लोगों को समर्पित किया जाएगा.

सिक्सलेन पुल का भी तेजी से चल रहा निर्माण

फाफामऊ में गंगा पर सिक्सलेन पुल का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। हालांकि इसका काम जुलाई तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 26 नवंबर 2020 को इसका शिलान्यास किया। 9.9 किमी लंबे पुल के लिए 1948 करोड़ रुपये का बजट है।

जर्मन टेक्नोलॉजी से सिक्सलेन पुल को केबल और बाक्स के जरिए बनाया जा रहा है। लगभग 3840 मीटर का हिस्सा गंगा नदी और कछार एरिया पर बनना है। इसके लिए 67 पिलर तैयार किए गए।

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com