छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़-गरियाबंद में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गायत्री महायज्ञ में शामिल, ‘सरकार ने देवी स्वरूपओं को महतारी वंदन योजना का सम्मान दिया’

गरियाबंद/रायपुर।

भारत की सनातन परंपरा एक उदार परम्परा है, जो सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सनातन परम्पराओं और संस्कारों से हम सभी को जोड़ने के लिए अनेक अभिनव प्रयास किया जा रहा है। पिछले वर्ष ही अयोध्या धाम में बने भव्य राम मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी जी ने श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा की।

आज देश-दुनिया से बड़ी संख्या में लोग श्रीरामलला के दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। हमारी सरकार श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के जरिए भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के लोगों को श्रीरामलला के दर्शन करा रही है। अब तक छत्तीसगढ़ से 20 हजार से अधिक लोगों ने योजना का लाभ उठाते हुए श्रीरामलला जी का दर्शन किया है। हमने राज्य की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए राजिम मेले का आयोजन पुनः उसके व्यापक स्वरूप में राजिम कुंभ कल्प के रूप में शुरू किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जिला मुख्यालय गरियाबंद के गांधी मैदान में आयोजित राष्ट्र जागरण 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में आमसभा को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री साय अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या देवी साय के साथ गायत्री महायज्ञ में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सभ्यता है कि हम स्त्री को देवी का स्वरूप मानते हैं। हमारी सरकार ने देवी स्वरूप माताओं-बहनों के लिए महतारी वंदन योजना लागू कर उन्हें सम्मान देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि गायत्री परिवार के सदस्यों ने वेदमाता गायत्री के 108 कुण्डीय महायज्ञ का भव्य आयोजन किया है और गायत्री महायज्ञ के माध्यम से समाज को धर्म, सद्कर्म से जोड़ने और सद्भाव बढ़ाने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गायत्री परिवार के सदस्यों ने देश को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है, क्योंकि कोई भी देश तभी मजबूत हो सकता है, जब उसकी बुनियाद मजबूत हो। हमारे देश की बुनियाद हमारी सनातन परम्पराओं में है। उन्होंने बताया कि हमारा परिवार कई दशकों से गायत्री परिवार के साथ जुड़ा हुआ है। गायत्री परिवार के सदस्य धर्म जागरण का कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश माता कौशिल्या की धरती है तथा भगवान श्रीराम जी का ननिहाल है। गायत्री महामंत्र वेदों का और हमारी सनातन परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है। यह हमें सन्मार्ग की ओर चलने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के उप कुलाधिपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि मनुष्य को जीवन एक स्वर्णिम अवसर के रूप में मिला है, जिसे अच्छे उद्देश्य में लगाना चाहिए। गायत्री परिवार इंसान के अंदर देवत्व की भावना को जगाने वाला परिवार है। यज्ञ हमें श्रेष्ठ कर्म की ओर प्रेरित करता है। उन्होंने गायत्री परिवार के सदस्यों को आह्वान किया कि वे समाज से नशे की बुराई को दूर करने के लिए लगातार प्रयास करें। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल, महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, राजिम विधायक श्री रोहित साहू सहित गायत्री परिवार के सदस्यगण एवं अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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