विदेश

डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर और ग्रीनलैंड को लेकर खतरनाक इरादे जाहिर किए, 20 जनवरी को संभालेंगे पद

वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को पद संभालेंगे। इस बीच उन्होंने पनामा नहर और ग्रीनलैंड को लेकर खतरनाक इरादे जाहिर किए हैं। उनका कहना है कि ये दोनों इलाके अमेरिका की सुरक्षा के लिए अहम हैं और इन पर हमारा कब्जा जरूरी है। यही नहीं उन्होंने कहा कि यदि इन्हें अमेरिका में मिलाने के लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल करना पड़ा तो उससे भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से इन इलाकों पर हमारा नियंत्रण जरूरी है। यही नहीं डोनाल्ड ट्रंप तो कनाडा को लेकर भी कई बार कब चुके हैं कि उसे अमेरिका का 51वां प्रांत बन जाना चाहिए। इसके अलावा मेक्सिको को वह अमेरिका की खाड़ी कहकर संबोधित कर चुके हैं।

फिलहाल ग्रीनलैंड डेनमार्क के पास है और एक स्वायत्त क्षेत्र है। डोनाल्ड ट्रंप ने अब इसे अमेरिका में मिलाने की बात कही है। यही नहीं उनके बेटे भी एक विजिट पर ग्रीनलैंड पहुंचे तो डोनाल्ड ट्रंप के इरादों को लेकर कयास तेज हो गए हैं। उनके मीडिया वालों ने पूछा कि क्या ग्रीनलैंड और पनामा नहर पर नियंत्रण के लिए सैन्य बल का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर ट्रंप ने कहा कि मैं ऐसा कोई वादा नहीं करूंगा। ट्रंप ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सैन्य बल का भी इस्तेमाल किया जाएगा। हमारे लिए पनामा नहर बहुत अहम है और उसे हम हासिल करने के लिए सभी जरूरी प्रयास करेंगे। सैन्य बल के इस्तेमाल की यदि जरूरत हुई तो उससे भी इनकार नहीं है।

ग्रीनलैंड भले ही डेनमार्क का हिस्सा है, लेकिन यहां बड़ी संख्या अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और उसके मिलिट्री बेस यहां पर हैं। डेनमार्क अमेरिका का पुराना सहयोगी है और नाटो का संस्थापक सदस्य है। इसके बाद भी ट्रंप का रुख डेनमार्क की चिंता बढ़ाने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ग्रीनलैंड पर डेनमार्क का कोई दावा नहीं बनता। इसी तरह पनामा नहर को लेकर भी डोनाल्ड ट्रंप बेहद आक्रामक हैं। वह तो चीन को भी कह चुके हैं कि हम पनामा के लिए युद्ध तक करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि ट्रंप ने कनाडा को लेकर भी कई बार टिप्पणी की है कि उसे अमेरिका का 51वां प्रांत बन जाना चाहिए। ऐसा करना कनाडा के लिए हितकर होगा तो वहीं अमेरिका के लिए भी सही रहेगा।

अमेरिका के ग्रीनलैंड वाले दावे पर क्या बोलीं डेनमार्क की पीएम
इस बीच डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडेरिक्सन का बयान भी आया है। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका के बहुत पुराने और करीबी सहयोगी हैं। मेरा भरोसा है कि ग्रीनलैंड पर नियंत्रण के लिए अमेरिका किसी तरह की सैन्य या आर्थिक ताकत का इस्तेमाल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हम इस बात का स्वागत करते हैं कि आर्कटिक क्षेत्र को लेकर अमेरिका काफी दिलचस्पी दिखा रहा है। हमें उम्मीद है कि इस इलाके के लोगों के सम्मान को ध्यान में रखते हुए ही वह कोई फैसला लेगा।

About the author

Satyam Tiwari

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com