व्यापार

2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद : रिपोर्ट

नई दिल्ली.
एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होने का अनुमान है। यह तेजी मजबूत हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर की वजह से देखी जा रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, अगले वित्त वर्ष के दौरान नोमिनल जीडीपी वृद्धि लगभग 10.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वृद्धि के प्रमुख संकेतकों में मजबूत हवाई यात्री यातायात, सेवा पीएमआई में वृद्धि और जीएसटी संग्रह में वृद्धि शामिल है। इसके अतिरिक्त, रबी फसल की अधिक बुवाई से कृषि विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक स्थिर आधार प्रदान करेगा।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत त्योहारी मांग और आर्थिक गतिविधि में लगातार सुधार के कारण लचीलापन दिखाया है। यह लचीलापन हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर के रूप में दिखाई देता है, जिन्होंने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में शानदार वृद्धि दिखाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 में मंदी तो रहेगी, लेकिन अच्छी बात यह है कि वित्त वर्ष 2025 में निजी और सरकारी खपत में क्रमशः 7.3 प्रतिशत और 4.1 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है। इसके अलावा, निर्यात वृद्धि में वित्त वर्ष 2024 में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 5.9 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की संभावना है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2024-25 की दूसरी छमाही में सरकारी व्यय में तेजी आने की उम्मीद है, जो विकास के लिए अहम होगा। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में उच्च विकास को लेकर आशावाद देखा गया है। हालांकि, रिपोर्ट वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण नकारात्मक जोखिमों के बारे में चेतावनी देती है। रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ वॉर का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में आने वाला अमेरिकी प्रशासन संरक्षणवादी व्यापार नीतियों को लागू कर सकता है। इस तरह के उपाय वैश्विक व्यापार को बाधित कर सकते हैं और संभावित रूप से जवाबी कार्रवाई को गति दे सकते हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक स्थिरता को खतरा हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ नीतियों को लागू करने के बाद कई तरह के आर्थिक और रणनीतिक जोखिम बने हुए हैं। इसका वैश्विक व्यापार पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।" रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर, ध्यान मुख्य आर्थिक घटनाओं पर केंद्रित रहेगा, जिसमें केंद्रीय बजट, तीसरी और चौथी तिमाही में कॉर्पोरेट प्रदर्शन और भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति निर्णय शामिल हैं।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com