राजनीती

प्रियंका ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि रुपये की गिरावट के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं, अब मोदी को जनता को जवाब देना चाहिए

नई दिल्ली
प्रियंका गांधी वाड्रा ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। प्रियंका ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि रुपये की गिरावट के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता को जवाब देना चाहिए। प्रियंका गांधी ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ''डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इतिहास में पहली बार एक डॉलर की कीमत 86.4 रुपये हो गई है। डॉ. मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में जब एक डॉलर की कीमत 58-59 रुपये थी, तब नरेंद्र मोदी जी रुपये की कीमत को सरकार की आबरू से जोड़ते थे। वे कहते थे, "मुझे सब मालूम है। किसी देश की करेंसी ऐसे गिर नहीं सकती" आज वे खुद प्रधानमंत्री हैं और रुपये की गिरावट के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। उन्हें देश की जनता को जवाब देना चाहिए।'' डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इतिहास में पहली बार एक डॉलर की कीमत 86.4 रुपये हो गई है।

'रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर'
बता दें कि, अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 18 पैसे लुढ़क कर पहली बार 86.04 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। डॉलर की मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेशकों पूंजी निकासी से रुपये पर दबाव बना हुआ है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा के कारण भी रुपये पर दबाव रहा। उन्होंने कहा कि साथ ही 20 जनवरी के बाद डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नए अमेरिकी सरकार के प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों की आशंका के बीच मांग बढ़ने से डॉलर मजबूत हुआ है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.88 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 85.85 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा हालांकि अंत में डॉलर के मुकाबले अबतक के सबसे निचले स्तर पर 86.04 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की बड़ी गिरावट है। रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.86 पर बंद हुआ था।

विश्लेषक अनुज चौधरी का बयान
मिराए एसेट शेयरखान के अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘घरेलू बाजारों में कमजोर रुख, मजबूत डॉलर और लगातार विदेशी पूंजी की निकासी से रुपये पर दबाव जारी रह सकता है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ अमेरिकी बॉंण्ड प्रतिफल में उछाल से घरेलू मुद्रा पर और दबाव पड़ सकता है।'' चौधरी ने कहा, ‘‘हालांकि, रिजर्व बैंक के किसी भी हस्तक्षेप से रुपये को निचले स्तरों पर सहारा मिल सकता है। निवेशकों की नजर गैर-कृषि क्षेत्र में नौकरी की रिपोर्ट होगी। डॉलर-रुपया की हाजिर कीमत के 85.80 से 86.15 रुपये के बीच रहने की संभावना है।'' 

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