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आदित्यनाथ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने वैश्विक पटल पर सनातन वैदिक संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रतिष्ठित किया

गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने उस कालखंड में जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, वैश्विक पटल पर सनातन वैदिक संस्कृति को प्रभावी ढंग से प्रतिष्ठित किया। इस युवा संन्यासी ने अपने विचारों और आचरण की साम्यता से राष्ट्र के प्रति चेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई है। गुलामी के कालखंड में सनातन वैदिक मूल्यों की चर्चा दुरूह होने के बावजूद स्वामी विवेकानंद ने ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ का उद्घोष किया।

सीएम योगी रविवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस नगर कॉलोनी में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानंद की जयंती ‘युवा दिवस’ के अवसर पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद विद्यालय के पूर्व छात्रों के सम्मेलन को संबोधित किया। विद्यालय के रज्जू भैया सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि महज 42 वर्ष की उम्र में नश्वर काया को छोड़ देने वाले स्वामी विवेकानंद ने सदैव भारत और भारतीयता की बात की। उनकी जयंती पर आज पूरा देश उन्हें भारत माता के महान सपूत और राष्ट्रीय-आध्यात्मिक गुरु के रूप में याद कर उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो समिट में जब भारतीय सनातन मूल्यों को वैश्विक मंच पर रखा तो उनके वक्तव्य को सुनकर दुनिया मंत्रमुग्ध और भाव-विभोर हो गई। स्वामी जी ने सबको जागरूक करते हुए कहा था कि सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है। हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। स्वामी जी की शिक्षा है कि हम सबका एक ही धर्म होना चाहिए, राष्ट्रधर्म। उन्होंने कहा कि भारत ने स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण किया तो देश को आजाद होने में समय नहीं लगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद का नाम सभी लोग लेते हैं लेकिन हिंदुत्व का उद्घोष करने वाले संन्यासी को वामपंथी कैसे स्वीकार करते। स्वामी विवेकानंद के विचारों को सरस्वती शिशु मंदिरों ने हमेशा अंगीकार किया। स्वामी जी के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए देशभर में सरस्वती शिशु मंदिरों की लंबी श्रृंखला है।

सीएम योगी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि चुनौती जितनी कठिन होगी, उसके अनुरूप परिश्रम करने पर जीत और शानदार होगी। उनके अनुसार परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। स्वामी जी के आदर्शों पर चलकर कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गया है और तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इससे प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी, शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के नए दौर की शुरुआत होगी। भारत वैश्विक टेक्नोलॉजी का हब बनेगा। देश में हर चेहरे पर खुशहाली होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वामी जी के आदर्शों के अनुरूप युवाओं को समय के अनुकूल सक्षम बनाने के लिए स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 2 करोड़ युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों के अनुरूप शिक्षा देने और राष्ट्रीयता का भाव जागृत करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की शुरुआत नानाजी देशमुख ने गोरखपुर से की थी। उन्होंने कहा कि आज इन शिक्षा मंदिरों के जरिए जनजातीय क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। यदि इन कार्यों को तत्कालीन सरकारों ने समय रहते किया होता तो आज वहां अराजकता की यह स्थिति नहीं होती। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज नानाजी देशमुख के नाम पर एक पार्क का शिलान्यास किया गया है। नानाजी देशमुख ने ग्रामीण विकास और वनवासी क्षेत्रों के विकास का जो मॉडल दिया है, वह आज भी अनुकरणीय है।

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