मध्यप्रदेश

भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में लोग जल्द ही एशियाई शेरों के दीदार कर सकेंगे

भोपाल

भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में लोग जल्द ही एशियाई शेरों के दीदार कर सकेंगे। इनकी 21 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी हो गई है। ऐसे में 20 जनवरी से पहले इन्हें बाड़े में छोड़ा जा सकता है।दरअसल, जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर से दो एशियाई शेरों का जोड़ा बीते 21 दिसंबर 2024 को भोपाल के वन विहार लाया गया था. एहतियात के तौर पर पहले इन शेरों को डॉक्टरों की देखरेख में 21 दिन के लिए क्वारेंटाइन रखा गया. यह समयावधि 11 जनवरी 2025 को पूरी हो चुकी है. ऐसे में अगले सप्ताह से दोनों एशियाई शेरों को वन विहार के बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा.

जूनागढ़ के गिर राष्ट्रीय उद्यान से आए शेर

गुजरात से दो शेर वन विहार लाए गए हैं, लेकिन इसके बदले एनिमल एक्स्चेंज प्रोग्राम के तहत बांधवगढ़ नेशनल पार्क से भी दो बाघों को सक्करबाग चिड़ियाघर भेजा गया है. इनमें बाघ बी-2 की उम्र 7 और बाघिन बंदनी की उम्र 6 वर्ष है. जूनागढ़ से भोपाल के वन विहार आने वाले शेरों की उम्र 3 से 4 वर्ष है. जूनागढ़ के गिर राष्ट्रीय उद्यान से शेरों को मध्यप्रदेश लाने का प्रयास बीते 16 वर्षों से हो रहा था. लेकिन अब गिर के शेरों को वन विहार लाने में सफलता मिली है.

अब वन विहार में 5 हुई शेरों की संख्या

वन विहार में पहले एक नर सत्या, दो मादा गंगा और नंदी हैं. अब शेरों का एक जोड़ा आने के बाद यहां दो नर और 3 मादा शेर हो गए हैं. दो नए शेरों का जोड़ा आने के बाद ब्रीडिंग प्रोग्राम को भी बढ़ावा मिलेगा. भोपाल के वातावरण को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही वन विहार में शेरों का कुनबा तेजी से बढ़ सकता है. वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर सुनील सिन्हा ने बताया "अब तक वन विहार में 3 शेर थे. इनमें एक नर और दो मादा हैं. अब जूनागढ़ से दो शेर आने के बाद इनकी संख्या 5 हो गई है. इन दोनों शेरों का क्वारेंटाइन पीरियड पूरा हो चुका है. संभवतः 20 जनवरी के पहले एशियाई शेरों को वन विहार के बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा."

गुजरात के जूनागढ़ से एशियाई शेरों का जोड़ा 21 दिसंबर को भोपाल लाया गया था। उन्होंने 5 दिन में 1000Km का सफर तय किया था। इसके बाद इन्हें 21 दिन तक क्वारेंटाइन रखा गया था। 11 जनवरी को यह अवधि पूरी हो गई। अब इन्हें दीदार के लिए बाड़े में छोड़े जाने का प्लान है।

वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर एसके सिन्हा ने बताया, दोनों शेरों को बाड़े में अलग-अलग रखा गया है। डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। डॉक्टरों के 'ओके' के बाद शेरों के दीदार लोग कर सकेंगे।

3 साल है दोनों शेर की उम्र बता दें कि नर और मादा शेर की उम्र करीब 3 साल है। पहले दिन पिंजरा खुलते ही शेरों ने अपने बाड़े में छलांग लगा दी थी। हालांकि, पहले वे थोड़े डरे-सहमे नजर आए थे लेकिन फिर इधर-उधर मंडराने लगे। खाने के लिए उन्हें मीट भी दिया गया। इसके बाद वे माहौल में ढल गए हैं।

गुजरात गई थी वन विहार की टीम वन विहार का 9 सदस्यीय दल 17 दिसंबर को जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर में शेर को लेने पहुंचे थे, जो 21 दिसंबर की शाम को भोपाल पहुंच गए थे। इस टीम में वन विहार के इकाई प्रभारी पर्यटन एव सहायक वन्यप्राणी चिकित्सक भी शामिल थे।

पांच हो गई लॉयन की संख्या वन विहार में पहले 3 शेर थे। जिनमें सत्या, गंगा और नदी शामिल हैं। नंदी और सत्या नंदन कानन चिड़ियाघर से लाए गए थे। अब 2 लॉयन और आ गए। इसके बाद यहां 2 नर और 3 मादा शेर हो गई है।

16 साल बाद गुजरात ने मानी है बात गुजरात ने वन विहार नेशनल पार्क की बात 16 साल बाद मानी और चार साल के शेरों का जोड़ा दिया है। इसके बदले में बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाए गए बाघ बी-2 और बाघिन बंदनी सक्करबाग चिड़ियाघर भेजे हैं। इनकी उम्र क्रमशः: 7 और 6 साल है। 2006 से गिर के शेर लाने के प्रयास चल रहे थे। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के निर्देश के बाद भी गुजरात वन विभाग व चिड़ियाघर प्रबंधन युवा बाघों के बदले बूढ़े शेर देने की पेशकश कर रहा था। वन विहार प्रबंधन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

नंदी को मिलेगा साथी, बढ़ सकता है कुनबा मप्र सरकार लगातार गिर से सिंह लाने का प्रयास कर रही थी। जूनागढ़ से आ रहे शेर के जोड़े से ब्रीडिंग प्रोग्राम को गति मिलेगी। वहीं मादा सिंह गंगा को नया साथी मिलेगा। वहीं इन-ब्रीडिंग से बचाने के लिए जूनागढ़ की मादा सिंह को नया साथी सत्या मिलेगा।

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