मध्यप्रदेश

आधुनिक तकनीक से होगा विमुक्त, घुमंतु और अर्ध घुमंतु समुदायों का शैक्षणिक विकास

भोपाल

विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्ध घुमन्तु समुदाय के बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए सरकार लगातार नए नवाचार कर रही है। राज्यमंत्री श्रीमती गौर की मौजूदगी में विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु कल्याण विभाग और 'सशक्तिकरण' सामाजिक संस्था के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए।

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि एमओयू से विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु समुदायों के विद्यार्थियों को अक्षर एवं अंक ज्ञान से शिक्षा के क्षेत्र में सशक्त बनाया जावेगा। यह कार्य विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु कल्याण विभाग की ओर चलाए जा रहे छात्रावासों में कमजोर अपेक्षित समुदायों के पहली से पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों को विभाग से बिना आर्थिक मदद लिये 'सशक्तिकरण' सामाजिक संस्थान द्वारा स्वयं के मद से किया जावेगा। संस्थान की ओर से नियुक्त महिला शिक्षा साथी चिंपल ऐप की सहायता से स्केलेबल मूलभूत साक्षरता कक्षायें लेंगी।

सहमति पत्र पर विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु कल्याण विभाग की ओर से विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु कल्याण विभाग के संचालक नीरज वशिष्ठ की उपस्थिति में, उप संचालक डॉ. दीप्ति सुदीप कोटस्थाने और संस्था की ओर से सुश्रुति श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किए।

ये कक्षाएं स्कूल समय के पश्चात लगाई जायेंगी। संस्थान ऐप के माध्यम से इन विद्यार्थियों की विषय को समझने की क्षमता की रिपोर्ट से विभाग को समय-समय पर प्रस्तुत करेगा। इसके साथ विद्यार्थियों को बाल अधिकार एवं पॉक्सो एक्ट के संबंध में जागरूक किया जायेगा।

विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्ध घुमन्तु कल्याण विभाग ने यह पहल छात्रावासों/आश्रमों में निवासरत छात्र-छात्राओं को हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में अक्षर ज्ञान एवं गणित में अंक ज्ञान की शुद्धता की दृष्टि से की है। पहले चरण में विभाग द्वारा संचालित चार छात्रावासों में प्रारंभ किया जा रहा है। इसके जरिए प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के बीच मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन -फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमरेसी) के साथ कौशल विकास किया जा सके।

वर्तमान में इस पहल के लिए विमुक्त, घुमंतु एवं अर्ध घुमंतु कल्याण विभाग के शासकीय बालक विमुक्त जाति प्री-मैट्रिक छात्रावास नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़, शासकीय विमुक्त जाति आश्रम इब्राहिमपुरा बैरसिया जिला भोपाल, विमुक्त जाति कन्या छात्रावास ओबेदुल्लागंज जिला रायसेन और विमुक्त जाति बालक छात्रावास ओबेदुल्लागंज जिला रायसेन को शामिल किया गया है।

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा है कि इस पहल से समाज के अंतिम छोर के व्यक्तियों एवं विद्यार्थियों का अक्षर ज्ञान से पढ़ने, लिखने और अंक ज्ञान से गणित समझने की क्षमता को विकसित किया जा सकेगा। आधुनिक तरीके से बच्चों को शिक्षा देने का ये कदम उनके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से हम शिक्षा के लोकतंत्रीकरण की ओर मजबूत कदमों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, इससे शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल डिवाइड और नॉलेज गैप को भी कम किया जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में अंत्योदय के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा

छात्रावासों में 5वीं कक्षा तक के छात्रों की संख्या के 20% टैबलेट प्रदान किए जाएंगे। एक टैबलेट पर 5 छात्रों की आईडी बनाई जाएगी। छात्रावास के नज़दीकी इलाके से एक महिला को भर्ती कर प्रशिक्षित किया जा रहा है, इन्हें शिक्षा साथी कहा जाता है। शिक्षा साथी टेबलेट का उपयोग करके मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमरेसी) से संबंधित शिक्षा प्रदान करेंगी। शिक्षा साथी, 30 मिनट के लिए 5वीं कक्षा तक के नामांकित छात्रों के छोटे समूहों को डिजिटल टैबलेट में सीखने की सुविधा देंगी। इस दौरान, बच्चा अपने व्यक्तिगत प्रोफ़ाइल में लॉग-इन कर अपने सीखने के स्तर के आधार पर एफएलएन की इंटरैक्टिव, व्यक्तिगत, गेमीफाइड शिक्षा में शामिल होगा। शिक्षा साथी हर दिन शाम 4:30 बजे से शाम 7 बजे के बीच, स्कूल के बाद, सभी छात्रों को कवर करते हुए 30 मिनट के 5 सत्र आयोजित करेंगी।

 

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