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इजरायल-हमास के बीच हुए सीजफायर का भारत ने किया स्वागत

नई दिल्ली

इस्राइल-हमास के बीच हुए युद्ध विराम समझौते का भारत ने स्वागत किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने समझौते के बाद गाजा में शांति और मानवीय सहायता बढ़ने की उम्मीद जताई है।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति होगी। हमने लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्ध विराम, बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है।

कैसे शुरू हुई इस्राइल-हमास के बीच जंग
सात अक्तूबर 2023 को हमास ने इस्राइल के कई हिस्सों को निशाना बनाया था। इस हमले में करीब 1200 इस्राइली नागरिक मारे गए थे। जबकि ढाई सौ लोगों बंधक बना लिया गया। इसके बाद इस्राइल ने गाजा पर हमले शुरू किया। इस्राइली सेना के हमलों में अब तक 45 हजार से ज्यादा फलस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं। गाजा के बड़े हिस्से मलबे में तब्दील हो चुके हैं। गाजा की 23 लाख की आबादी का करीब 90 फीसदी हिस्सा विस्थापित हो चुका है। लाखों लोग तंबू में रह रहे हैं। लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं।

समझौते में क्या-क्या?
कतर की राजधानी में कई सप्ताह तक चली कड़ी बातचीत के बाद हुए समझौते में कई शर्तें लगाई गईं हैं। हमास ने बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को चरणबद्ध तरीके से रिहा करने पर सहमति जताई है। इस्राइल भी अपने कैद से सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए सहमत हो गया है। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, 'प्रशासन ने 8 महीने की लगातार बातचीत के बाद युद्धविराम और बंधक समझौते पर सहमति बनाने में सफलता पाई है। यह समझौता तीन चरण में लागू होगा। यह समझौता 19 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा और इसमें तीन चरणों में शांति लाने की योजना है। साथ ही मामले में कतर, मिस्र और अमेरिका ने यह सुनिश्चित करने का वचन दिया है कि सभी तीन चरणों का पालन किया जाएगा और यह समझौता पूरी तरह से लागू होगा। इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को सफल बनाने का भी वादा किया है।

कतर की राजधानी दोहा में दोनों देशों की ओर से शामिल प्रतिनिधित्व के बीच कई बैठकें हुई। जिसके बाद गाजा में युद्ध विराम पर सहमति बनी। दोनों पक्षों के बीच हुए इस समझौते में हमास की ओर से चरणबद्ध तरीके से गाजा में बनाए गए बंधकों की रिहाई, इजरायल में सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा में विस्थापित हजारों लोगों को वापस लौटने की अनुमति देना शामिल है। वैश्विक नेताओं ने शांति की दिशा में किए गए इस प्रयास का स्वागत किया है।

ब्रिटिश PM ने सीजफायर के फैसला पर दी प्रतिक्रिया

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने सीजफायर के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "कई महीनों के विनाशकारी युद्ध और अनगिनत लोगों की जान जाने के बाद, यह वह राहत वाली खबर है जिसका इजरायल और फिलिस्तीनी लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वे हमास के क्रूर आतंकवादियों द्वारा शुरू किए गए इस संघर्ष का खामियाजा भुगत रहे हैं, जिन्होंने 7 अक्टूबर, 2023 को होलोकॉस्ट के बाद से यहूदी लोगों का सबसे घातक नरसंहार किया था। उन्होंने आगे कहा, 'हम इस्राइल और फलस्तीनी लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में काम करेंगे।

समझौते एक सकारात्मक कदम- बाराक ओबामा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इजरायल-हमास के बीच सीजफायर की डील पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा, इजराइल और हमास के बीच घोषित युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई का समझौता अच्छी खबर है। बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों के लिए, उन फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए जो एक साल से अधिक समय से पीड़ित हैं, और उन सभी के लिए जिन्होंने इस भयानक अध्याय के अंत के लिए प्रार्थना की है। पश्चिम एशिया में शांति समझौते को एक सकारात्मक कदम है।

एंंटोनियो गुटेरस ने इन देशों का जताया आभार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंंटोनियो गुटेरस ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि मैं गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करता हूं। इसका के साथ ही उन्होंने इस समझौते में मध्यस्थता करने वाले देश- मिस्र, कतर और अमेरिका के प्रयासों की भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि वो सभी से अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने और यह सुनिश्चितस करने का आह्वान करते हैं कि यह समझौता पूरी तरह से लागू हो।

 

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