ग्वालियर
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से बड़ी खबर है। ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने शुक्रवार (17 जनवरी) को पूर्व सब रजिस्ट्रार के घर छापा मारा है। ईडी की टीम सुबह 5 बजे मुरार स्थित सीपी कॉलोनी में रहने वाले पूर्व सब रजिस्ट्रार केके अरोड़ा के घर पहुंची। अरोड़ा घर पर नहीं मिले। ED के अधिकारी अरोड़ा के घर पर मिले दस्तावेज की जांच कर रहे हैं। अरोड़ा पिछले 20 दिन से घर पर नहीं हैं। अपने बेटे के पास बेंगलुरू में हैं। खबर है कि केके अरोड़ा आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के करीबी हैं। फिलहाल पूरी कार्रवाई के बाद ही तस्वीर साफ होगी।
सौरभ के करीबियों के यहां दबिश दे रही टीमें
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (RTO) के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई जारी है। ED, IT और लोकायुक्त सहित सभी जांच एजेंसियां सौरभ के करीबियों के यहां दबिश दे रही हैं। शुक्रवार को ED ने ग्वालियर के मुरार स्थित सीपी कॉलोनी में रहने वाले पूर्व सब रजिस्ट्रार केके अरोड़ा के यहां छापा मारा। केके अरोड़ा, उनकी पत्नी 20 दिन से घर पर नहीं हैं। दोनों बेंगलुरू में हैं। अरोड़ा के घर में दो किरायेदार रहते हैं। ईडी की टीम किरायेदारों से पूछताछ कर रही है।
जबलपुर और ग्वालियर में पहले मारी थी रेड
सूत्रों के मुताबिक, आरोड़ा विनय हासवानी के बिजनेस पार्टनर हैं। विनय हासवानी सौरभ शर्मा का मौसा है। हासवानी के फार्म हाउस से ही 54 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश से लदी कार मिली थी। ED भोपाल की टीम ने इससे पहले जबलपुर में सौरभ शर्मा के जीजा रोहित तिवारी के ठिकाने पर दबिश दी थी। ED के अधिकारी भोपाल में सौरभ के सहयोगी शरद जायसवाल और ग्वालियर में चेतन सिंह गौर के घर-दफ्तर से 23 करोड़ की चल अचल संपत्ति जब्त कर चुकी है।
सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला
लोकायुक्त ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और दफ्तर पर छापामार कार्रवाई की थी। लोकायुक्त को 2.95 करोड़ कैश, दो क्विंटल वजनी चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और कई प्रापर्टी के दस्तावेज मिले थे। गुरुवार रात को ही भोपाल के मेंडोरी के जंगल में एक कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ कैश मिले थे। कार सौरभ के दौस्त चेतन सिंह की थी। 23 दिसंबर को मामले में ईडी की एंट्री हुई थी। ईडी ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद से ED, IT और लोकायुक्त की टीमें सौरभ और उसके संपर्क रहे रिश्तेदार, परिचित और दोस्तों से पूछताछ कर छापेमार कार्रवाई कर ही है।
जानें कब तक जांच एजेंसियों को क्या-क्या मिला
ED, IT और आयकर विभाग को अब तक चली जांच-पड़ताल में लगभग 100 करोड़ का माल मिला है। लोकायुक्त को कैश, सोने, चांदी, हीरों के जवरात सहित कुल 7.98 करोड़ का माल मिला। आयकर विभाग को 41.60 करोड़ के सोने, चांदी और हीरों के जेवरात मिले हैं। 11 करोड़ कैश सहित कुल 52.60 करोड़ का माल मिला है। ED को जांच-पड़ताल में 4 करोड़ का बैंक बैलेंस, 6 करोड़ की FD, 23 करोड़ की संपत्ति सहित 33 सहित 33 करोड़ से अधिक का माल मिला है। तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।