कोरोना की दूसरी लहर (Corona 2nd wave) के बीच किसानों (Farmers) के लिए एक अच्छी खबर आई है. कोरोना के इस लहर का रबी फसल (Rabi crops) पर असर नहीं पड़ेगा. दूसरी कोविड-19 लहर ने देश में चल रहे फसल संचालन को प्रभावित नहीं किया है क्योंकि पहले से ही शुक्रवार को 55% से अधिक किसानों ने अपनी फसल काट ली है. वहीं, तिलहनी फसलों की कटाई पूरी होने की करीब है. बता दें कि इस बार रबी की फसलों की पैदावार अच्छी हुई है. मानसून की शुरुआत के साथ ही अगली फसल चक्र (crop cycle )की तैयारी के लिए किसानों के पास पर्याप्त समय है. अगले 2-3 हफ्तों में रबी (सर्दियों की बोई गई) फसलों की कटाई पूरी होने की उम्मीद है. भारत के मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस महीने के मध्य में मानसून के पहले चरण की शुरुआत भी हो सकती है.
जल्द ही पूरी कटाई प्रक्रिया हो जाएगी
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी फसल के आंकड़ों से पता चलता है कि किसानों ने पहले ही 91% तिलहन, 83% गन्ने, 82% दाल, 77% मोटे अनाज जैसे की मक्का और ज्वार, और 31% से अधिक गेहूं की कटाई की है. सीजन की शुरूआत में ही 697 लाख हेक्टेयर की कुल एकड़ में से 390 लाख हेक्टेयर से अधिक रबी फसलों की फसल शुक्रवार तक काटी गई. सरकार का कहना है कि दलहनी फसलों की पैदावार काफी अच्छी हुई है और काफी तेजी से कटाई जारी है. जल्द ही पूरी कटाई प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
मंत्रालय ने फरवरी 2020-21 में देश के खाद्यान्न उत्पादन को लगभग 303 मिलियन टन (MT) के ऑल-टाइम रिकॉर्ड के रूप में अनुमानित किया था, जो पिछले वर्ष के उत्पादन की तुलना में 2% अधिक है. धान (120 मीट्रिक टन), गेहूं (109 मीट्रिक टन), मक्का (30 मीट्रिक टन) और चना (12 मीट्रिक टन) का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ.
तरबूज, खरबूजा, खीरा पर असर नहीं
रबी और खरीफ फसलों के बीच के समय में बोई जाने वाली फसलों को जायद फसले कहते हैं. जायद फसलों में मुख्य रूप से तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, लौकी, तुरई, भिडी, अरबी, मूंग, उड़द, सूरजमुखी, मक्का, हरा चारा, बैंगन, भिडी, कदीमा, मिर्च, कद्दू, प्याज, साग आदि शामिल हैं. इन फसलों का लाभ किसान मार्च-मई में उठाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है.कृषि मंत्रालय का कहना है कि इनकी बुवाई पर कोविड-19 महामारी का कोई असर नहीं पड़ा है.