मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में भी 8वें वेतनमान की सुगबुगाहट तेज, सरकारी कर्मचारियों को जबर्दस्त फायदा होगा

भोपाल
 केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दे दी गई है. वहीं मध्यप्रदेश में भी इसे लेकर कर्मचारी संगठनों ने मांग करना शुरू कर दिया है. कर्मचारियों को उम्मीद है कि केन्द्र के बाद मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार 8वां वेतनमान लागू करेगी. क्योंकि केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान लागू होने के बाद ही राज्यों में इसे लागू किया जाता है. अगर ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सैलरी में सीधे तौर पर 5 से 11 हजार रु का फायदा होगा. इस आर्टिकल में जानें 8वां वेतनमान लागू होने पर कैसा रहेगा सैलरी का गणित.

कैसे लागू होता है नया वेतनमान?

संभावित इंफ्लेशन यानी बढ़ने वाली महंगाई को देखते हुए हर दस साल में सरकारी कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान लागू किया जाता है. इसके लिए सबसे पहले आयोग का गठन किया जाता है. यह आयोग अध्ययन करता है कि पिछले सालों में महंगाई कितने फीसदी बढ़ी है, जिसके आधार पर तय किया जाता है कि अगले कुछ सालों में महंगाई और कितने फीसदी बढ़ने की संभावना है. इसी के आधार पर नए वेतनमान का प्रपोजल तैयार किया जाता है.

कैसे तय होती है कर्मचारियों की सैलरी?

नए वेतनमान के ड्राफ्ट के दौरान 'फिटमेंट फैक्टर' को भी देखा जाता है. फिटमेंट फैक्टर के जरिए सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय होती है. इसमें महंगाई दर, कर्मचारियों की जरूरतें, पेंशन आदि के आधार पर कैल्कुलेशन कर सैलरी निकाली जाती है. इसमें सरकार की आर्थिक सेहत और बजट का भी ध्यान रखा जाता है. जनवरी 2016 में 7वां वेतनमान लागू करते समय फिटमेंट फेक्टर को 2.57 फीसदी तय किया गया था और इस परसेंटेज के आधार पर वेतनमान में बढ़ोत्तरी हुई थी.

मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को कैसे मिलेगा फायदा?

आमतौर पर नया वेतनमान लागू होने के एक साल बाद राज्यों में इसे लागू किया जाता है. केंद्र के कर्मचारियों को 7वां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था. इसके बाद मध्यप्रदेश में 22 जुलाई 2017 से इसे लागू किया गया था. हालांकि, इस बार मध्यप्रदेश में 8वां वेतनमान का लाभ कब से मिलेगा यह 8वें वेतनमान की सिफारशों पर निर्भर करेगा. वैसे भी यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह केन्द्र सरकार के समान कर्मचारियों को राज्यों में लाभ दे या फिर राज्य के लिए अलग से वेतन आयोग का गठन कर सिफारशें बुलवाए.

कर्मचारियों को 2 साल करना पड़ेगा इंतजार?

मध्य प्रदेश में कर्मचारियों को 2018 विधानसभा चुनाव के पहले 2017 में 7वां वेतनमान का लाभ मिला था. इसलिए उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश में कर्मचारियों को 8वें वेतनमान के लिए 2 साल इंतजार करना पड़ सकता है.

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने कहा, '' केन्द्र सरकार द्वारा 8वें वेतनमान लागू होने के बाद उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में भी इसका लाभ कर्मचारियों को दिया जाएगा. हालांकि, अभी तक देखा गया है कि केन्द्र द्वारा दिए जाने वाले वेतन आयोग का मध्यप्रदेश में पालन नहीं किया जाता. प्रदेश में अभी भी अलग-अलग संवर्ग के कर्मचारियों को अलग-अलग वेतनमान दिया जा रहा है. कई कर्मचारियों को अभी भी 5वां वेतनमान मिल रहा है. सरकार इन विसंगतियों को भी दूर करे. उम्मीद है अगले विधानसभा चुनाव के पहले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.''

मध्यप्रदेश में कितनी बढ़ेगी सैलरी, समझें गणित

मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक कहते हैं, '' 2017 में सातवें वेतनमान में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को 14 फीसदी तक का लाभ मिला था. 8वें वेतनमान में कम से कम 14 फीसदी वेतनमान का लाभ मिलने की उम्मीद है. इससे सरकारी नौकरी में 10 साल पूरे करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों को 5 हजार से लेकर 11 हजार रुपए तक की वेतन में बढ़ोत्तरी हो सकती है.''

ऐसे समझें वेतन में बढ़ोत्तरी का गणित

    चतुर्थ श्रेणी – 10 साल की नौकरी पूरी करने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अभी कुल वेतनमान 34 हजार 314 रुपए मिल रहा है. इसमें बेसिक सैलरी 20909 रुपए है और बाकी DA (महंगाई भत्ता), एचआरए व अन्य अलाउंस आदि को जोड़ा गया है.

8वें वेतनमान के बाद – 14 फीसदी बढ़ोत्तरी से सैलरी 4 हजार 803 रुपए बढ़कर 39117 रुपए हो जाएगी.

    सहायक ग्रेड 3 (तृतीय वर्ग) – 10 साल की नौकरी पूरी करने वाले तृतीय वर्ग के सहायक ग्रेड 3 के कर्मचारियों को अभी कुल 42 हजार 927 रुपए सैलरी मिलती है. इसमें उनकी बेसिक सैलरी 26 हजार 162 होती है. इसके अलावा इसमें DA, सीए, अलाउंस, एचआरए जुड़ा होता है.

8वें वेतनमान के बाद – 14 फीसदी बढ़ोत्तरी के बाद सैलरी 6 हजार 9 रुपए बढ़ेगी. इसके बाद उन्हें 48 हजार 936 रुपए सैलरी मिलेगी.

    सहायक ग्रेड 2 (द्वितीय वर्ग) – 10 साल की नौकरी पूरी करने वाले द्वितीय वर्ग के कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के हिसाब से 72 हजार 528 सैलरी मिलती है. इसमें बेसिक सैलरी 34 हजार 93 रुपए होती है. इसके बाद इसमें DA और अन्य भत्ते जुड़े होते हैं.

8वें वेतनमान के बाद – 14 फीसदी बढ़ोत्तरी के बाद वेतन 10 हजार 153 रुपए बढ़ेगा. इसके बाद कुल सैलरी करीबन 82 हजार 681 रुपए तक हो जाएगी.

नोट- 10 साल से अधिक की नौकरी करने वाले कर्मचारियों की सैलरी हर ग्रेड में ज्यादा हो सकती है. सोर्स – मप्र शासन

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