छत्तीसगढ़ के भिलाई में सुपेला पुलिस ने 16 अप्रैल को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले डॉक्टर पीयूष शुक्ला और उसके सहयोगी कुलेश्वर पटेल को पकड़ा था। लेकिन पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करके दोनों को छोड़ दिया है। जबकि कलेक्टर दुर्ग ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले को सीधे जेल भेजने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
भिलाई में 16 अप्रैल को आकाशगंगा सुपेला इलाके में निजी ऑटो मोबाइल कंपनी के दफ्तर के सामने ड्रग विभाग ने डॉक्टर और उसके सहयोगी को महंगे दाम में रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेचते पकड़ा था। पुलिस भी मौके पर पहुंची। इसके बाद आरोपियों को थाने ले जाया गया। जहां से अब उन दोनों को छोड़ दिया गया। जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर पूरे देश में कार्रवाई हो रही है, वहीं दुर्ग जिले में ऐसे ही एक मामले में आरोपी को जेल भेजने के बजाय प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर छोड़ दिया गया।
ड्रग विभाग ने बताया
जिले के ड्रग विभाग के असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर बीआर साहू ने बताया कि डाक्टर और उसके साथी के द्वारा इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली थी। जिसके बाद प्लानिंग के तहत दोनों को पकड़ा गया। दोनों ने 4800 कीमत के इंजेक्शन का सौदा 13000 में किया था। दोनों के पास से 52000 कीमत के इंजेक्शन जब्त किए गए। लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया है। आगे विभाग कार्रवाई कर रहा है।
थाना प्रभारी ने कहा, प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की
रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले पर जब सुपेला थाने के प्रभारी SI लल्लन सिंह से दैनिक भास्कर ने पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई हुई। तो पहले वो नाराज हो गए। कहने लगे कि बार-बार इसके बारे में क्यों पूछ रहे हो। फिर बड़े ही तल्खी भरे अंदाज में कार्रवाई के बारे में बताया। उनका कहना है कि मैंने तो कार्रवाई कर दी है। क्या कार्रवाई की गई हैं? तो फिर बताया कि प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
दुर्ग के एडवोकेट राजकुमार तिवारी के मुताबिक इन दिनों इंजेक्शन के नाम पर जमकर फर्जीवाड़े की खबरें सामने आ रही है। इस वजह से सबसे पहले इंजेक्शन की जांच करना जरूरी था। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले को छोड़ना पूरी तरह गलत है। आवश्यक वस्तु अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती थी।
अब क्या कहते हैं कलेक्टर
दुर्ग कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने बड़े ही कड़क अंदाज में पिछले हफ्ते ही निर्देश दिए थे कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले को सीधे जेल भेजा जाएगा। लेकिन सुपेला में पकड़े गए दोनो आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। इस पूरे मामले को लेकर दैनिक भास्कर ने कलेक्टर दुर्ग से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि अभी कार्रवाई खत्म नहीं हुई है। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।