नवोदय विद्यालय में अब पोस्ट ग्रेजुएट भी टीजीटी शिक्षक बन सकेंगे. यह फैसला केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने एक मामले में सुनाया है. न्यायाधिकरण ने नवोदय विद्यालय समिति के उस फैसले को बदल दिया है जिसके तहत पोस्ट ग्रेजुएट अभ्यर्थियों केा टीजीटी इंटरव्यू देने से रोका जा रहा था. दरअसल, नवोदय विद्यालय समिति ने एक अभ्यर्थी को टीजीटी (सामाजिक अध्ययन) के इंटरव्यू में बैठने से रोक दिया था. न्यायाधिकरण ने इस फैसले को अवैध माना है.
इससे पहले अदालत ने अधिकारियों से जवाब मांगा था और अंतिम दलीलें सुनने के बाद समिति के फैसले को रद्द कर दिया. अधिवक्ता हरप्रीत सिंह होरा के माध्यम से दायर याचिका में अभ्यर्थी ने आरोप लगाया था कि कर्मचारियों ने उन्हें यह कहते हुए इंटरव्यू देने से रोक दिया था कि संबंधित विषय में 50% से कम अंक हैं. नवोदय विद्यालय समिति का यह कार्य अवैध और मापदंडों के खिलाफ है.
यह था मामला
छत्तीसगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट अभ्यर्थी ने आरोप लगाया था कि सितंबर 2019 में आयोजित कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) देने की मंजूरी के बावजूद उसे जनवरी 2021 में टीजीटी (सामाजिक अध्ययन) का इंटरव्यू देने से रोक दिया गया. अभ्यर्थी ने अपनी याचिका में कहा था कि वह पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ बीएड और सीटीईटी पास भी है. उसने ग्रेजुएशन में न्यूनतम आवश्यक अंकों से अधिक अंक हासिल किए हैं.