देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की और राजस्व विभाग का निर्देशित किया कि वैक्सीन, ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से जुड़े उपकरणों के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी और हेल्थ सेस को तत्काल प्रभाव से अगले तीन महीनों के लिए पूरी तरह हटा दिया जाए. प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि अस्पतालों में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की सप्लाई में वृद्धि की तत्काल आवश्यकता है और साथ ही घर और अस्पताल में मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन से जुड़े उपकरणों की भी बेहद आवश्यकता है.
प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन और मेडिकल सप्लाई की उपलब्धता
सुनिश्चित करने के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों को मिलकर काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने राजस्व विभाग को निर्देशित किया कि ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से जुड़े उत्पादों को क्लीयरेंस देने के लिए तत्काल फैसले लिए जाए. बैठक में कोविड-19 वैक्सीन के आयात पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी को भी खत्म करने का फैसला लिया गया. ये फैसला अगले तीन महीने तक प्रभावी रहेगा.
केंद्र सरकार ने इसके लिए एक नो़डल ऑफिसर नियुक्त किया है, जो कस्टम से जुड़े मामलों को डील करेंगे. केंद्र सरकार ने कहा कि आज के फैसलों से ऑक्सीजन और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. साथ ही चीजों के दाम कम रखने में भी सहायता होगी. बता दें कि देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक-आईसीएमआर की वैक्सीन कोवॉक्सिन से टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है. केंद्र सरकार ने इन दोनों के अलावा रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-वी को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है.
कोरोना की दूसरी लहर के लिए बेहतर तैयारी ना करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले तीन दिनों में यह तीसरी बड़ी बैठक है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन को लेकर बैठक की थी. इससे एक दिन पहले उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर घरेलू स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना के मसले पर राष्ट्र को संबोधित किया था और माना था कि ऑक्सीजन की डिमांड में अचानक से तेजी आई है, जिसे पूरा करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है.