कोरोना वायरस के कोहराम के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कालाबाजारी के मामले में सामने आ रहे हैं. इस बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों से 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं.
उज्जैन के एसपी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आठ लोगों के पास से 5 इंजेक्शन बरामद हुए हैं. इन्होंने अब तक 20-25 इंजेक्शन बेचे हैं. लगभग 30 हजार रुपये में इंजेक्शन बेचे गए हैं.
बता दें कि गिरफ्तार किए गए इन आठ आरोपियों में से तीन आरोपी देशमुख अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर उज्जैन में कार्यरत हैं. इसके अलावा शेष पांच सदस्य आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के पासआउट एवं अध्ययनरत कर्मचारी हैं. इसके साथ पुलिस ने यह भी बताया कि देशमुख अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के तीन कर्मचारी कोविड-19 महामारी में मरीज को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को उसे ना लगाते हुए ऊंचे दाम पर बेचकर कालाबाजारी कर रहे थे, जिससे मरीजों के जीवन के लिए संकट उत्पन्न हो रहा है.
ऐसे खुली कालाबाजारी करने वालों की पोल
पुलिस के मुताबिक, रविवार को थाना चिमनगंज एवं साइबर प्रभारी एवं उनकी टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि शहर के एलाउंस सिटी के सामने आगर रोड उज्जैन पर तीन लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन को ऊंचे दामों पर बेचने के लिए ग्राहकों की तलाश कर रहे हैं. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और कालाबाजारी करने वालों को दबोच लिया.
बता दें कि इससे पहले भोपाल, इंदौर और जबलपुर समेत मध्य प्रदेश के कई शहरों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें सामने आ चुकी हैं. यही नहीं, कई जगह तो अस्पताल स्टाफ ने नॉर्मल इंजेक्शन लगाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को अंजाम दिया है.