सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista project) को लेकर देशभर में विपक्षी दल के नेता मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर से पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि देश को इस वक्त PM आवास नहीं, सांस चाहिए. राहुल का ये तंज देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर है. बता दें कि कि पिछले कुछ दिनों से हर रोज़ कोरोना के चार लाख से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं. जबकि इन दिनों हर दिन 4 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है.
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी ने पीएम पर निशाना साधते हुए
दो फोटो भी ट्वीट की है. पहली तस्वीर में उन्होंने कोरोना के मरीजों और उनके परिवारवालों को दिखाया है जो ऑक्सिजन सिलेंडर के साथ लाइन में खड़े हैं. दूसरी तस्वीर में उन्होंने इंडिया गेट को दिखाया है जहां सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इन दो तस्वीरों को शयर करते हुए उन्होंने लिखा है- PM आवास नहीं, सांस चाहिए!
पहले भी साधा था निशाना
ये कोई पहला मौका नहीं, जब राहुल ने इस प्रोजेक्ट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए इसे धन की बर्बादी बताया और सरकार से कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों के जीवन की रक्षा पर ध्यान देने को कहा. राहुल गांधी ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा आपराधिक फिजूलखर्ची है, लोगों के जीवन को केंद्र में रखिए न कि नया घर पाने के लिए अपने घमंड को.
ड्रीम प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत करीब 13 एकड़ जमीन पर तिकाने आकार का नया संसद भवन तैयार होना है. इस प्राजेक्ट का एक हिस्सा अगले साल दिसंबर में बनकर तैयार हो जाएगा. इसके तहत प्रधानमंत्री आवास और उपराष्ट्रपति भवन बनाए जाएंगे. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पूरा करने की समयसीमा 2024 रखी गई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का ये बेहद ही महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसके तहत लुटियंस दिल्ली में अंग्रेजों के बनाए 3.2 किलोमीटर की पट्टीनुमा इलाके को पुनः विकसित किया जाना है.
कोर्ट में मामला
कोरोना वायरस बढ़ते मामलों के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में आ गया है. इस प्रोजेक्ट के कामकाज को रोके जाने की मांग की जा रही है. इससे संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले को दिल्ली हाई कोर्ट भेज दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मामले की जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया गया है.