एक तरफ देश भर में वैक्सीन की शॉर्टेज का आलम यह है कि कई राज्यों में 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले लोगों को टीके दिए जाने में देर या कटौती हो रही है, तो दूसरी तरफ वैक्सीन बर्बाद किए जाने का सिलसिला लगातार बना हुआ है. सबसे ज़्यादा वैक्सीन वेस्टेज के मामले में हरियाणा लगातार लिस्ट में बना हुआ है. ताज़ा लिस्ट के मुताबिक हरियाणा के अलावा असम और राजस्थान उन पहले तीन राज्यों में हैं, जहां वैक्सीन सबसे ज़्यादा बर्बाद हुई.
अप्रैल के महीने से ही हरियाणा उन राज्यों में टॉप स्थानों पर दिखा है, जहां वैक्सीन की बर्बादी चिंताजनक हो रही है. सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 6.49% वैक्सीन वेस्टेज साथ हरियाणा टॉप पर रहा. जबकि 5.92% फीसदी वेस्टेज के साथ असम दूसरे और 5.68% फीसदी आंकड़े के साथ राजस्थान तीसरे नंबर पर रहा.
किस राज्य में कितनी बर्बादी?
इन तीन राज्यों के बाद लिस्ट में आगे और भी राज्यों के नाम हैं, जहां वैक्सीन की बर्बादी के आंकड़े अच्छे नहीं हैं. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक मेघालय में 5.67%, बिहार में 5.2%, मणिपुर में 5.19%, पंजाब में 4.94%, दादरा और नागर हवेली में 4.85% और तमिलनाडु में 4.13% वैक्सीन बर्बादी होना पाया गया है.
ज़ीरो वेस्टेज कहां रहा?
इस लिस्ट के साथ यह भी बताया गया कि किन राज्यों में वैक्सीन के मामले में ज़ीरो वेस्टेज की स्थिति भी है. आंध्र प्रदेश, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र के नाम इस लिस्ट में शामिल रहे. इन राज्यों के अलावा इस लिस्ट में लद्दाख और लक्षद्वीप दो केंद्रशासित प्रदेशों के नाम भी हैं. बताया गया कि रविवार को 22.74% वैक्सीन वेस्टेज करने वाले लक्षद्वीप में अगले दिन ज़ीरो वेस्टेज रहा.
कब तक रहेगी शॉर्टेज?
फिलहाल भारत में दो ही वैक्सीनों को आधिकारिक तौर पर मंज़ूरी दी गई है, कोविशील्ड और कोवैक्सिन. कोविशील्ड का उत्पादन करने वाली पुणे बेस्ड कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट के आदार पूनावाला के मुताबिक जुलाई तक वैक्सीन की शॉर्टेज रह सकती है क्योंकि 6-7 करोड़ डोज़ प्रतिमाह उत्पादन को 10 करोड़ डोज़ हर महीने करने में इतना वक्त लगेगा.
वहीं, यह भी गौरतलब है कि रूस की वैक्सीन Sputnik V को भारत में इमरजेंसी यूज़ की मंज़ूरी मिल चुकी है तो इस वैक्सीन के बाज़ार में आ जाने पर शॉर्टेज संबंधी आंकलन कुछ और भी हो सकते हैं, जो रूसी वैक्सीन की सप्लाई पर निर्भर होंगे.