छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से धान की जगह पर अन्य खरीफ फसलों की खेती पर किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि पहले किसानों को धान की खेती पर 10,000 रुपये की सब्सिडी मिलती थी. एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे का विस्तार करने का निर्णय लिया है.
20 लाख से ज्यादा धान उत्पादक किसानों को होगा फायदा
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में कटौती की गई है. अब धान पर 9000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. पहले यह राशि 10,000 रुपये दी जाती थी. इससे प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा धान उत्पादक किसान प्रभावित होंगे.
3 साल तक मिलेगा योजना का लाभ
राज्य में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना शुरू होगी. किसान भी इस योजना के तहत धान के बदले वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें प्रति एकड़ 3 साल तक 10 हजार रुपये मिलेंगे. इसके तहत निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती, गैर इमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा.
इन फसलों पर भी मिलेगी सब्सिडी
सरकार का कहना है कि इस फैसले से राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा. राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021 22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्नाा, कोदो कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी हर साल 9000 रुपये प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को धान के अलावा अन्य फसलों की खेती पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 10,000 रुपये प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी के प्रावधान के बारे में जानकारी का प्रचार प्रसार करने के साथ ही इसके उत्पादन और निश्चित बिक्री दर के बारे में भी जानकारी देने के निर्देश दिए है. इसके अलावा, राज्य सरकार ने कोदो का समर्थन मूल्य 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि गोबर से जैविक खाद बनायी जाएगी और इसे किसानों को 6 रुपये प्रति किलो मुहैया कराया जाएगा.