झीरम घाटी की आठवीं बरसी पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर सुपारी किलिंग का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र नहीं चाहती की इस मामल की जांच हो. उन्होंने एनआईए की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि झीरम में कांग्रेसी नेताओं सहित 30 लोग मारे गए थे. कांग्रेस की ही केंद्र सरकार ने ही एनआईए को सौंपी थी.
8 साल पहले 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हुए झीरम घाटी नक्सली हमले की बरसी पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनआईए की जांच पर
सवाल उठाते हुए इस नक्सली हमले को राजनीतिक षड्यंत्र और सुपारी किलिंग बताया है. मुख्यमंत्री ने झीरम को लेकर आरोप भी लगाए है कि केंद्र सरकार के दबाव के चलते न एनआईए इसमे खुद जांच कर रही है न हमें करने दे रही है.
25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर की झीरम घाटी में चुनावसभा कर लौट रही कांग्रेस के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें कई बड़े कांग्रेस नेताओं और उनके सुरक्षाकर्मियों समेत 30 लोगों की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी. इसको लेकर एनआईए ने जांच की और इसे नक्सली घटना बताया लेकिन मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का कहना है कि झीरम की घटना एक राजनीतिक षड्यंत्र और सुपारी किलिंग थी. चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के नेताओं को नक्सली के हाथों मरवा दिया गया. इसको लेकर कई साक्ष्य होंने का दावा भी बघेल कई बार करते आए है और उनका कहना है इस मामले में एनआईए ने केंद्र की भाजपा सरकार के दबाव में सही जांच नहीं की।
सीएम बघेल ने कहा कि एनआईए न खुद जांच कर रही है और न हमें जांच करने दे रही है. ये राजीनीतिक षड्यंत्र और सुपारी किलिंग थी. केंद्र नहीं चाहती कि राज्य सरकार इसमें जांच करें. हम खुदकी पार्टी और पीड़ितों को न्याय नहीं दे पा रहे. टूलकिट मामले में तो भाजपा तुरंत ट्विटर के ऑफिस पहुंच गई लेकिन झीरम में 8 साल बाद भी जांच नहीं हुई.
झीरम घाटी नक्सली हमले में मुख्यमंत्री एनआईए की जांच को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे है. भूपेश बघेल का आरोप है कि राजनीतिक षडयंत्र को दबाए रखने एनआईए ने सही जांच नही की और इसे सामान्य नक्सली घटना बताया जिस पर भाजपा का कहना है कि जिस वक्त घटना हुई उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी और उसी ने एनआईए को जांच का जिम्मा दिया और अब भूपेश इसमे राजनीति कर हमले में शहीद कांग्रेसी नेताओं का अपमान कर रहे है.
भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भूपेश बघेल शहीदों का अपमान कर रहे है, जिस वक्त ये घटना हुई केंद्र में उनकी सरकार थी और मनमोहन सिंह जी ने एनआईए जांच के आदेश दिए थे. उसी की जांच पर सवाल उठा रहे है. भूपेश बघेल कहते थे कि हमारे पास सबूत है. कांग्रेस के नेताओं पर ही षड्यंत्र में शामिल होने की उंगलियां उठी और इन सब चीजों को छिपाने के लिए कांग्रेस लाशों पर भी राजनीति करने से नही चूक रही ये उसकी आदत है.