देश

वैक्सीनेशन पर केंद्र से SC ने पूछा- जो इंटरनेट इस्तेमाल करना नहीं जानते, उनका क्या

देश में जारी वैक्सीनेशन प्रक्रिया (Vaccination Process) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से पूछा है कि उन लोगों के लिए क्या व्यवस्था है जो इंटरनेट का इस्तेमाल करना नहीं जानते. जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि आप डिजिटल इंडिया की बात करते हैं लेकिन हमें हकीकत पता है. हमारे क्लर्क को वैक्सीन का स्लॉट लेने में दिक्कत हो रही है, फिर झारखंड का रहने वाला मजदूर जो राजस्थान में काम कर रहा है, वो क्या करेगा.

कोर्ट ने कहा कि दिहाड़ी मजदूर अपना काम करेंगे या वैक्सीन का स्लॉट बुक करेंगे. सरकार को जमीनी हकीकत देखनी चाहिए, जिसकी हालात बहुत खराब है. सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सिन की अलग-अलग कीमत पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा, ‘केंद्र सरकार कंपनी से कम कीमत पर वैक्सीन खरीद रही है और वही वैक्सीन राज्य सरकार और निजी अस्पताल को ज्यादा कीमत पर मिल रही. ऐसा क्यों हो रहा है? क्या सब के लिए एक कीमत नही हो सकती?’

केंद्र का बड़ा दावा- दिसंबर तक 18+ वाले सभी लोगों का हो जाएगा वैक्सीनेशन

सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्तों में सरकार से इन दोनों मुद्दों पर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वैक्सीन नीति लचीली होनी चाहिए. वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट में बड़ा दावा करते हुए कहा है कि इस साल के अंत तक 18 साल से ऊपर हर व्यक्ति का वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार ने इसका प्रबंध कर लिया है.बता दें बीते शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भी कहा था कि दिसंबर महीने तक देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा था, ‘वैक्सीन के बारे में पिछले सप्ताह स्वास्थ्य विभाग ने विस्तृत जानकारी दी थी.’ विभाग की तरफ से बताया गया था कि दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज मौजूद होंगे. यानी 108 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का पूरा खाका पेश किया गया था. विभाग ने वैक्सीन के नाम भी बताए थे. कोविशील्ड, कोवैक्सीन, नोवावैक्सीन, जेनोवा और स्पूतनिक-V का जिक्र किया गया था.

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com