छत्तीसगढ़

इसमें मिलर्स संघ के जिलाध्यक्ष भी, कवर्धा में 50 फीसदी धान का उठाव नहीं; एक दिन पहले ही 400 कर्मचारियों ने दिया था इस्तीफा

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में धान के उठाव में लापरवाही की गाज राइस मिलों पर गिरनी शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने 16 राइस मिलों को 3 साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। खास बात है कि इनमें राइस मिलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आदिल गांधी की मिल बोड़ला के हरिनछपरा स्थित जनता राइस मिल भी शामिल है। एक दिन पहले ही जिले की 90 समितियों के 400 कर्मचारियों ने उठाव नहीं होने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था।

साल 2023-24 तक सभी पर लगाई गई रोक
कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा की ओर से सोमवार देर शाम जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2021-21 तक तहत धान का उठाव नहीं और डीओ रिक्वेस्ट नहीं भेजने पर अरवा राइस मिलर्स को 7 जून को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद भी जवाब नहीं दिया गया और मिलिंग में तेजी नहीं आई। दूसरे आबंटन में भी 50 फीसदी से कम धान का उठाव किया गया। इसे देखते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाता है।

इन राइस मिलों को किया गया ब्लैक लिस्टेड
राइस मिल का नाम पता
मां अंबे राइस मिल धरमपुरा
रॉयल राइस मिल खुंटू
दिक्षा राइस मिल मानिकपुर, बोड़ला
गणेश राइस मिल मोहतराखुर्द, पंडरिया
अग्रवाल राइस मिल रायपुर रोड कवर्धा
जैन राइस मिल मैनपुरा, पंडरिया
ओम राइस मिल सिंघनपुरी
राज राइस मिल लालपुर कला
रॉयल राइस मिल खुंटू
बालाजी राइस मिल खुंटू
जनता राइस मिल हरिनछपरा, बोड़ला
हितांशु राइस मिल नेवारी
सिद्धार्थ राइस मिल मोहतराखुर्द, पंडरिया
पार्श्वनाथ दाल एवं पोहा उद्योग रौहा, पंडरिया
हिमांशु फूड्स नेवारी
जैन ट्रेडर्स मोहतराखुर्द, पंडरिया

दिन में कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, देर शाम एक्शन
दरअसल, जिले की 90 समितियों में कार्यरत 400 कर्मचारियों ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। वे केंद्रों से 5 लाख क्विंटल से ज्यादा धान का उठाव नहीं से नाराज थे। धान उठाव नहीं होने के कारण समितियों को नुकसान हो रहा था। उनको 3 माह से वेतन तक नहीं मिला। वहीं बारिश के चलते अकेले लोहारा ब्लॉक के सूरजपुरा जंगल केंद्र में रखा 2000 क्विंटल से धान खराब हो गया है। इसके बाद देर शाम प्रशासन ने मिलों पर कार्रवाई कर दी।

39 लाख 34 हजार 600 क्विंटल धान खरीदी हुई

दरअसल कवर्धा जिले में 94 धान खरीदी केंद्र हैं। यहां पिछले वित्त वर्ष में कुल 39 लाख 34 हजार 600 क्विंटल धान खरीदी की गई। लेकिन अब भी जिले के अलग-अलग धान खरीदी केंद्रों में 5 लाख क्विंंटल धान खुले में पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं बारिश और गर्मी के कारण कई केंद्र में तो धान ही खराब हो हए हैं। जिसका नुकसान अब जिला सहकारी समिति को उठाना पड़ रहा है। जिले के लोहारा ब्लॉक के सूरजपुरा जंगल धान खरीदी केंद्र में 2 हजार क्विंटल धान सड़ा गया है। इसके अलावा भी अलग-अलग केंद्रों में धान पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं।

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