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अस्पताल का दावा -27 दिन में हुए 22 ऑपरेशन, हकीकत- एक भी नहीं हुआ, क्योंकि उसके लिए जरूरी एंडोस्कोपी मशीन ही नहीं है

बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) ब्लैक फंगस पर सफेद झूठ बोल रहा है। सरकार को भी झूठी रिपोर्टिंग कर रहा है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में काली बीमारी पर सफेद झूठ पकड़ा गया है। मामला ब्लैक फंगस के ऑपरेशन से जुड़ा है, जिसमें बाहर से ऑपरेशन कराकर आने वालों की ड्रेसिंग तक को PMCH अपने हिस्से की सर्जरी बता रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि PMCH के पास ब्लैक फंगस की सर्जरी के लिए जरूरी एंडोस्कोपी मशीन ही नहीं है।

डॉक्टर्स के अनुसार, ब्लैक फंगस के ऑपरेशन में सबसे जरूरी मशीन एंडोस्कोपी है। यह बीमारी नाक के रास्ते साइनस और फिर आंख फिर ब्रेन तक बीमारी पहुंचती है। नाक से आगे बढ़ते ही बीमारी काफी गंभीर हो जाती है। इसमें ओपन सर्जरी के बजाए एंडोस्कोपी सर्जरी की जाती है। पटना AIIMS और IGIMS में सर्जरी की यही व्यवस्था मरीजों की जान बचा रही है। लेकिन PMCH में एंडोस्कोपी की मशीन नहीं है। तब सवाल यह है कि आखिर सर्जरी कैसे हो रही है।

यह उस मेडिकल कॉलेज का कृत्य है, जिसे CM नीतीश कुमार विश्व स्तर का बनाने की नींव रख चुके हैं।

PMCH ने 22 ऑपरेशन की भेजी रिपोर्ट

पटना मेडिकल कॉलेज ने विभाग के अधिकारियों को 25 मई से 21 जून तक की जो रिपोर्ट भेजी है, वह चौंकाने वाली। अस्पताल ने 22 मरीजों के ऑपरेशन का दावा किया है, जबकि एक भी सर्जरी नहीं की गई है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में जो खुलासा हुआ है, उसमें अब तक PMCH में कुल 80 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हुए हैं। 8 को डिस्चार्ज बताया गया है और 4 इलाज से ठीक नहीं होने के कारण भाग गए हैं। अब तक 6 मरीजों की मौत हो चुकी है। अस्पताल के फर्जीवाड़ा को इन दो केसों से समझिए।

केस 1

वैशाली के अरविंद का ऑपरेशन PMCH में नहीं हो पाया था। वह बाहर से ऑपरेशन कराकर आया है। पहले उसे डिस्चार्ज किया गया, बाद में नए रजिस्ट्रेशन पर भर्ती किया गया है। उसके ऑपरेशन को भी अपने खाते में जोड़ दिया गया।

केस 2

मधुबनी के रहने वाले केवल राय को ऑपरेशन के लिए PMCH ने डिस्चार्ज दिखाया है। वो जब बाहर से ऑपरेशन कराकर आएगा तो उसे दोबारा नए रजिस्ट्रेशन पर भर्ती किया जाएगा।

ऑपरेशन के लिए रेफर नहीं, डिस्चार्ज किया जाता है

एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि मरीजों को ऑपरेशन के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाता है। खेल ऐसे किया जा रहा है कि पहले मरीज को भर्ती किया जाता है और फिर ऑपरेशन के लिए उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता है। ऑपरेशन के बाद जब मरीज फिर आता है तो उसे नए रजिस्ट्रेशन पर भर्ती कर दिया जाता है। ऐसे मरीजों की ड्रेसिंग के बाद खुद के खाते का ऑपरेशन बता दिया जाता है।

सर्जरी के जितने भी मरीज भर्ती हैं, सभी बाहर से ऑपरेशन कराकर आए हैं। ब्लैक फंगस में जनरल सर्जरी से काम नहीं चलता है। PMCH हल्की-फुल्की सफाई को भी ऑपरेशन का हिस्सा बता रहा है।

जिम्मेवार अनुत्तरित छोड़ गए सवाल

ब्लैक फंगस में ऑपरेशन के झूठ की पड़ताल में जब ENT की OT इंचार्ज संयुक्ता से बात की गई तो वह कोई जवाब नहीं दे पाईं। पहले तो कहा-ऑपरेशन किया जा रहा है। लेकिन जब अपने ही जवाब में उलझने लगीं तो बोल दिया मैं छुट्‌टी पर हूं। यह बड़ा झूठ था, क्योंकि वह ड्यूटी पर हैं। कोरोना काल में सभी की छुट्‌टी रद्द है, ऐसे में कैसे उनको छुट्‌टी दे दी गई।

बात जब ENT विभाग के HOD डॉ. विनय सिन्हा से की तो उन्होंने कहा कि सर्जरी हो रही है। संख्या वह नहीं बता पाए। HOD ने साफ कहा कि सर्जरी PMCH में हो रही है। ENT के HOD और OT इंचार्ज के जवाब से यह सवाल है कि अगर सर्जरी हो रही है तो मरीजों को डिस्चार्ज कर ऑपरेशन के लिए बाहर क्यों भेजा जा रहा है और दोबारा फिर उनका नया रजिस्ट्रेशन कर इलाज क्यों किया जा रहा है?

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