छत्तीसगढ़

दुर्ग पाटन भिलाई और धमधा में बड़ा खुलासा, खाद्य विभाग ने पुलिस में दर्ज कराई FIR, हर महीने सरकार को लाखों रुपए का लगाया जा रहा चूना

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में फर्जी राशन कार्ड की हेराफेरी कर लाखों रुपए का चूना लगाने का मामला सामने आया है। यह खुलासा खाद्य विभाग द्वारा पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने के बाद हुआ। जिले के दुर्ग, धमधा और पाटन जनपद पंचायत सहित भिलाई 3 और भिलाई नगर निगम क्षेत्र में 185 फर्जी राशन कार्ड बनाए गए है और इनमें से 57 राशन कार्ड का उपयोग कर राशन भी निकाला गया है।

मामले की शिकायत खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने दुर्ग सिटी कोतवाली में दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस ने कहा कि राशन कार्ड बनाने का अधिकार सिर्फ खाद्य विभाग को है। खाद्य विभाग की सिस्टम से ही राशन कार्ड बनाया जाता है। लेकिन अवकाश के दिन और शाम को छुट्टी के बाद विभाग का सर्वर को हैक करके अज्ञात लोगों का फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाया है।
9 आईपी ऐड्रैस का लिया गया सहारा,विभाग के सदस्य की मिलीभगत
फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाने के लिए 9 आईपी ऐड्रैस का उपयोग किया गया है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है। मामले की जांच के लिए पुलिस ने साइबर सेल को जानकारी भेजी है। पुलिस को संदेह है कि आईपी ऐड्रैस की जानकारी NIC और खाद्य विभाग के सदस्यों को ही होती है, इसके अलावा किसी और को नहीं होती। पुलिस को संदेह है कि दोनों विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही फर्जी राशन कार्ड बनाने का काम किया गया है।

पता चला है कि भिलाई निगम के जोन 5 में मलखान सिंह सोरी थे, जिन्हे एक आईपी ऐड्रैस दिया गया था। जब मलखान का तबादला जोन 3 में हुआ तो उसका आईपी ऐड्रैस ब्लॉक कर दिया गया था। इस ब्लॉक आईपी एड्रसे का उपयोग भी राशन कार्ड बनाने में किया गया है।

फर्जी आईपी ऐड्रैस का उपयोग
जानकारी के मुताबिक कुल 185 राशन कार्ड बनाए गए। विभागीय आईपी ऐड्रैस से विभिन्न फर्जी आईपी ऐड्रैस वाले कम्प्यूटर व मोबाइल से तैयार कर फर्जी राशन कार्ड से राशन दुकान से अनाज की अफरा-तफरी की गई है। इससे हर महीने करीब दो लाख रुपए से ज्यादा का शासन को नुकसान हुआ है। कुल 57 राशनकार्डो में फर्जी तरीके से राशन का आहरण भी किया गया।

खाद्य नियंत्रक सी.पी दीपांकर ने बताया कि राशन कार्ड बनाने में उस ब्लाक आइ.डी का इस्तेमाल किया गया है। मुझे आशंका है कि फर्जीवाड़े में एनआइसी के लोगों की भी संलिप्तता होगी। इस फर्जीवाड़े की खबर लगते ही खाद्य निरीक्षक दीपा वर्मा ने पुलिस से शिकायत की है। साथ ही आईपी ऐड्रैस की सूची भी सौंपी गई है।

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