छत्तीसगढ़ में 13 जुलाई से बसों के पहिए थम सकते हैं। कारण है बस मालिकों ने बसों का 40 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ाने समेत तमाम मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को अपनी मागों को लेकर बस मालिकों ने गौरेला बस स्टैंड में धरना भी दिया है। जिसमें उनकी मांगें नहीं मानने पर 13 जुलाई से बसों का संचालन बंद करने की बात कही गई है।
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ की अपील पर नर्मदांचल बस मालिक संघ ने जिले में धरना दिया। इस दौरान बस मालिक नारे लगाते रहे कि उनकी मांगें पूरी की जाएं। नर्मदांचल बस मालिक संघ के अध्यक्ष भरत सिंह राजपूत ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए। अगर सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो मजबूरन पूरे छत्तीसगढ़ में 13 जुलाई से बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा।
वहीं छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने भी अपनी मांग मनवाने के लिए पूरे आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की है। जिसके अनुसार बस मालिकों ने बसों का बारात निकालने से लेकर जल समाधि लेने की भी बात कही है।गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में अभी पेट्रोल 96 रुपए और डीजल 84 रुपए बिक रहा है। प्रदेश में लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने के चलते कांग्रेस भी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर चुकी है।
ये है मांगे
- पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते यात्री किराया को 40 प्रतिशत बढ़ाया जाए।
- दिसंबर 2021 तक मासिक कर में छूट मिले।
- एकल प्राधिकार को भंग कर पहले की तरह व्यवस्था लागू हो।
- यात्री वाहनों के लिए के-फॉर्म और एफ-फॉर्म के 2 महीने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।
- पिछले सास कोरोना काल में मजदूरों के आवागमन में लगीं बसों के किराए का भुगतान किया जाए।
कोरोना के चलते बसों में नहीं बैठ रहे लोग
नर्मदांचल बस मालिक संघ के सचिव संदीप अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान बस मालिकों को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है । फाइनेंस बसों की किश्त जमा नहीं हो रही है तो कर्मचारियों का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। अभी भी हालत ठीक नहीं है । संक्रमण के डर से लोग बसों में बैठने से कतरा रहे हैं । यात्रियों की संख्या कम होने के कारण केवल 25 प्रतिशत बसों का परिचालन किया जा रहा है। सरकार को हमारी मांगों को मानना चाहिए।
8 जुलाई को बारात, 12 को धरना और 14 जुलाई को लेंगे जल समाधि
इधर, छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने भी कहा है कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से बस संचालन में दिक्कत हो रही है। महासंघ ने सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए पूरे आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की है। अनवर अली ने बताया कि महासंघ के द्वारा 2 जुलाई को सभी जिला मुख्यालय के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 8 जुलाई को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालय में बस संचालक अपने परिवार, चालक, परिचालक, हेल्पर, क्लीनर के साथ बसों की बारात निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे.
12 जुलाई को बूढ़ा तालाब में धरना स्थल में पूरे प्रदेश के सभी बस संचालक अपने परिवार, चालक, परिचालक, हेल्पर, क्लीनर के साथ एक दिवसीय महाधरना देंगे। 13 जुलाई को पूरे प्रदेश की बसों को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया जाएगा. यदि फिर भी मांगे परी नहीं होतीं तो 14 जुलाई को सभी बस संचालक दोपहर 3 बजे खारुन नदी के तट पर जल समाधि लेंगे।