फ्रांस (France) की संसद ने आतंक से मुकाबले के लिए दो बिल पास कर दिए हैं. बिल में प्रावधानों के मुताबिक संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ पुलिस की शक्तियां बढ़ा दी जाएंगी. पुलिस चाहे तो ऐसे धार्मिक स्थलों को बंद करा सकती है, जहां से हिंसक विचार फैलने का खतरा है. इस प्रावधान का विपक्ष ने विरोध किया है. उसका कहना है कि इससे मस्जिद जैसे स्थानों को निशाना बनाया जाएगा. ये बिल नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ हैं. इनसे पुलिस की शक्तियां चिंताजनक स्तर तक बढ़ जाएंगी.
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों सरकार का कहना है कि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले आतंक के खिलाफ एक मजबूत व्यवस्था बना लेगी. इस व्यवस्था का मकसद फ्रांसीसी समाज के हर स्तर पर आतंकी विचारों का मुकाबला करना है. फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने सोशल मीडिया पर कहा- ‘हम उन लोगों के खिलाफ लड़ने का साधन दे रहे हैं जो गणतंत्र के मूल्यों पर हमला करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं.’
पिछले साल पेरिस में एक शिक्षक को मार दिया गया था. शिक्षक पर आरोप था कि उन्होंने कक्षा में कार्टून दिखाए थे. कुछ दिनों पहले सरकार ने देश के अधिकारियों से कहा है कि वे आतंकी गतिवधियों को लेकर सतर्क रहें. दरअसल, आतंकी संगठन अलकायदा ने वीडियो जारी कर धमकी दी थी कि वह विवादित कार्टून का बदला लेगा.