संसद के मानसून सत्र (Parliament monsson session) में पेगासस जासूसी प्रकरण का मुद्दा गर्माया हुआ है. इसी बीच खबर है कि जासूसी मामले पर लोकसभा में सभापति, मंत्रियों की तरफ पेपर फेंकने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई हो सकती है. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, सरकार द्वारा लोकसभा में एक प्रस्ताव लाकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के लगभग 10 सांसदों को निलंबित करने की मांग कर सकती है.
सूत्रों के अनुसार, सांसद गुरजीत सिंह औजला, टीएन प्रतापन, मनिकम टैगोर, रवनीत सिंह बिट्टू, हिबी ईडन, जोथिमनी सेनिमलाई, सप्तगिरी शंकर उलका, वी वैथिलिंगम, एएम आरिफ को कागज के टुकड़े फेंकने और अध्यक्ष के प्रति अपमानजनक व्यवहार दिखाने के लिए नियम 374 (2) के तहत निलंबित किए जा सकता है. बता दें कि बुधवार को संसद की कार्रवाई के दौरान 12 बजे के आसपास विपक्ष के कुछ सांसदों ने लोकसभा में स्पीकर के चेयर के ऊपर कागज के टुकड़े फेंके थे.
इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस शर्मसार कर देने वाली घटना बताया. केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा कि जनता को संसद सत्र का इंतज़ार रहता है ताकि उनके मुद्दे संसद में उठें. आज कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया और मर्यादा तोड़ी. पत्रकार दीर्घा तक काग़ज़ फेंकना लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना है. इस घटना को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी नाराजगी जताई.
सरकार पर हमलावर हो रहा है विपक्ष
पेगासस जासूसी कांड, महंगाई और कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी ने लोगों के फोन में जासूसी का हथियार डाला. जज, पत्रकारों की जासूसी करवाई गई है. आखिर लोकतंत्र में जासूसी क्यों करवाई जा रही है, जासूसी का इस्तेमाल देश के खिलाफ है. हिंदुस्तान के लोकतंत्र पर यह हमला है.विपक्ष इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार चर्चा को लेकर तैयार नहीं है. राहुल गांधी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि क्या सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर को खरीदा था या नहीं, इसपर वह सफाई क्यों नहीं देते.