मानसून सत्र (Monsoon Session) के आखिरी दिन राज्यसभा (Rajya sabha) में महिला सांसदों के साथ हुई कथित धक्कामुक्की समेत कई मुद्दों पर सरकार ने पक्ष रखा. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मेघवाल, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव , वी मुरलीधरन, अनुराग ठाकुर, मुख्तार अब्बास नकवी और प्रह्लाद जोशी ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान सभी ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया और उन्हें झूठा बताया. प्रेस वार्ता की शुरुआत में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा ‘विपक्ष को ना तो जनता के हित, ना ही टैक्सपेयर के पैसे की और ना ही संवैधानिक मूल्यों की फिक्र थी. जो घटा वह बहुत शर्मसार था.’ उन्होंने कहा ‘विपक्ष घड़ियाली आंसू बहाने की जगह देश से माफी मांगे. विपक्ष का रवैया शर्मासार करने वाला और अराजकता भरा था.’
ठाकुर के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा ‘हमने हर रोज बात करने की कोशिश की थी कि हम चर्चा करेंगे. सदन के पहले दिन जब मंत्रियों का परिचय कराना था, वह तक नहीं हुआ और विपक्ष ने काम में रुकावट डाली.’ जोशी ने कहा ‘विपक्ष देश से माफी मांगे. हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थे. विपक्ष ने कई बिल पास नहीं होने दिए और वह चर्चा से भागा.’ जोशी ने कहा कि हमें ‘धमकी’ दी गई अगर ओबीसी बिल पास होने के बाद कोई और विधेयक पास कराने की कोशिश की जाएगी तो और भी ज्यादा बुरा हो जाएगा. और अब वह कह रहे हैं कि बिल हंगामों के बीच पास हो गया.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर जोशी ने कहा ‘लोकसभा-राज्यसभा ने इन दलों का क्या व्यवहार था. यह सब देश देख रहा है. मेरी मांग है कि अगर वह सदन की गरिमा और लोकतंत्र का सम्मान करते हैं तो वह माफी मांगें.’ जोशी ने कहा ‘राज्यसभा में जो हुआ इसके लिए हम चेयरमैन से मांग करते हैं कि सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसी भी सरकार हो, ऐसा कृत्य दोबारा ना दोहराया जा सके.’
चेयर और सेक्रेटी जनरल पर कातिलाना हमला हुआ- गोयल
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा ‘हम आज बहुत पीड़ा के साथ आपके सामने आए हैं. दोनों सदनों को चलने नहीं दिया गया. राज्यसभा में विपक्ष का जो व्यवहार रहा है, उससे आज पूरे सदन की गरिमा टूटी है… गिरी है. चेयरमैन की डिग्निटी को भी कम किया है. शुरू से ही इनका मंशा स्पष्ट थी कि यह सत्र खराब करना था.’
गोयल ने कहा ‘सदन से सस्पेंड होने के बाद 6 सांसदों का मोबाइल से शीशा तोड़ना और महिला मार्शल को नुकसान पहुंचाना निंदनीय है. 9 अगस्त की घटना के संदर्भ में गोयल ने कहा कि जिस तरह से रूल बुक चेयर की ओर फेंकी गई अगर, वहां चेयरमैन बैठे होते तो उनको नुकसान हो सकता था. सेक्रेटरी जनरल को भी चोट लग सकती थी. चेयर और सेक्रेटी जनरल पर कातिलाना हमला किया गया.’ गोयल ने कहा ‘विपक्षी सांसदों ने बुधवार को जो मार्च का नाटक किया, वह सिर्फ इसलिए था ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई ना हो पाए. उन्होंने कहा ओबीसी विधेयक पर भी राजनीतिक कारणों से विपक्ष शांत रहा.’ गोयल ने मांग की है कि सांसदों के खिलाफ कार्रवाई हो.
विपक्ष ने किया मार्च, सरकार पर लगाए आरोप
इससे पहले राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में कुछ महिला सांसदों के साथ कथित धक्कामुक्की की घटना को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और इस मुद्दे, पेगासस जासूसी मामला एवं केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई और इस संसद सत्र में देश के 60 प्रतिशत लोगों की आवाज को दबाया गया, अपमानित किया गया तथा विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने का मौका नहीं दिया गया. इस दौरान विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक एक मार्च निकाला.