छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्सों में बारिश की रिपोर्ट है। मौसम विभाग ने कुछ जगहों पर भारी बारिश की भी संभावना जताई है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस सप्ताह हुई बारिश से खरीफ की फसल को नया जीवन मिला है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मानसून द्रोणिका गंगानगर, अलवर, ग्वालियर, सतना, अंबिकापुर, झारसुगुड़ा, बालासोर और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश और उसके आसपास 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा विदर्भ और उसके आसपास 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणिका उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश से गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र होते हुए 3.1 से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई पर है। एक द्रोणिका विदर्भ से उत्तर तटीय तमिलनाडु, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश होते हुए 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर है। इसके प्रभाव से कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने और गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। कुछ जगहों पर भारी बरसात की संभावना भी जताई गई है। मौसम विभाग ने इसके लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
कल राजनांदगांव में हुई थी भारी बरसात
शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश दर्ज हुई थी। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हुई। मौसम विभाग के मुताबिक राजनांदगांव में सुबह 63.2 मिलीमीटर दर्ज हुई थी। पेण्ड्रा रोड में 17.2 मिमी, मरवाही में 11, बिलाईगढ़ में 8, साजा, बेमेतरा, रामानुजनगर में 7, गंडई, कटेकल्याण में 6 और जैजैपुर, अकलतरा, कवर्धा और करतला में 5 मिमी बरसात हुई। अम्बिकापुर में 3.8 और दुर्ग में 1.2 मिमी बारिश हुई।
अभी तक सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश
छत्तीसगढ़ में एक जून से 21 अगस्त तक 737.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। ये सामान्य से 11 प्रतिशत कम है। इस अवधि में सामान्यत: प्रदेश में 829.9 मिलीमीटर होती रही है। बालोद और कांकेर में 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है। रायपुर जिले में भी सामान्य से 25 प्रतिशत कम पानी गिरा है। सुकमा जिले में 51 प्रतिशत ज्यादा बारिस हुई है। प्रदेश के 16 जिलों में सामान्य बारिश है।