देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों और पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए ई-मोबिलिटी (E-Mobility) को बढ़ावा दिया जा रहा है. सार्वजनिक वाहनों से लेकर निजी कार और दोपहिया वाहन चालकों को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) पर स्विच करने के लिए तमाम तरह की छूट और फायदे दिए जा रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों की नई-नई रेंज निकाल रही हैं. यही वजह है कि आज ई-साइकिल (E-Cycle) से लेकर ई-रिक्शा, ई-बसें, इलेक्ट्रिक कार, ई-बाइक (E-Bike), इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) आदि बाजार में मौजूद हैं.
ई-वाहनों (E-Vehicles) को लेकर अधिकांश राज्य सरकारें अपनी नीतियां बना चुकी हैं. इनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडीसा, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडू, तेलंगाना और उत्तराखंड आदि राज्य शामिल हैं. यहां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए ईवी खरीदारों को राहत देने के साथ ही बड़े स्तर पर ईको-सिस्टम और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की दिशा में काम चल रहा है. जिसमें ईवी के लिए चार्जिंग स्टेशन और और बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं आदि शामिल हैं. हालांकि अगर ईवी की खरीद और बिक्री की बात करें तो राज्यों की स्थित अलग-अलग है.