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EPFO-PF खाताधारकों को फ्री मिलती है 7 लाख रुपये की यह सुविधा, जानें कब और कैसे करें क्लेम

अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े हुए हैं. तो आपको बता दें कि EPFO अपने सब्सक्राइबर्स को उनकी रिटायरमेंट पर फंड और पेंशन का लाभ देता है.सब्सक्राइबर की मृत्यु होने की स्थिति में उसके परिवार को फैमिली पेंशन और इंश्योरेंस का लाभ उपलब्ध कराया जाता है. बता दें ईपीएफओ की तरफ से अपने सब्सक्राइबर्स को जीवन बीमा की सुविधा दी जाती है. दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों को 7 लाख रुपये तक के जीवन बीमा (Life Insurance) की सुविधा देता है. आपको बता दें कि कुछ माह पहले ही एम्‍प्‍लॉय डिपॉजिट लिंक्‍ड इंश्‍योरेंस स्‍कीम, 1976 (EDLI Scheme) के तहत दी जाने वाली बीमा राशि की सीमा अब 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है. आइए जानते हैं विस्तार से…

जानिए क्या है नया नियम?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सब्सक्राइबर्स/मेंबर इंप्लॉइज को जीवन बीमा की सुविधा भी देता है. EPFO के सभी सब्सक्राइबर इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 (EDLI) के तहत कवर होते हैं. श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता वाले ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने नौ सितंबर, 2020 को EDLI योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने का निर्णय किया था. खास बात यह है कि EDLI योजना के तहत उपलब्ध इस बीमा कवर के लिए पीएफ खाता धारक को अलग से कोई इंश्योरेंस प्रीमियम नहीं देना होता.

जानें क्या है EDLI के फायदे?
इस स्कीम के तहत बीमाधारक की मृत्यु या दिव्‍यांगता की स्थिति में पति/पत्नी और विधवा मां को जीवन यापन और बच्चों को 25 साल की उम्र तक कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत हिस्से के बराबर पेंशन मिलती रहति है. वहीं, अगर बीमाधारक की बेटियों को उसकी शादी तक यह फायदा मिलता है.

फैमिली मेंबर को मिलता है पैसा
EDLI के तहत क्लेम मेंबर इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से इंप्लॉई की बीमारी, दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने के बाद किया जा सकता है. अब यह कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार को भी मिलता है, जिसने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक कंपनियों में नौकरी की हो. इसमें नॉमिनी को पेमेंट एकमुश्‍त किया जाता है. अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो क्‍लेम कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे कर सकेंगे. कोरोना महामारी से भी अगर ईपीएफओ सब्‍सक्राइबर की मौत होती है तो नॉमिनी इंश्‍यारेंस क्‍लेम कर सकता है.

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

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