छत्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) में प्रदेश स्तर पर चल रहे सियासी घमासान के बाद अब जिला स्तर पर भी विवाद (Conflict in Congress) शुरू हो गया है. गरियाबंद (Gariaband) जिले में इसका खुला असर देखने को मिल रहा है. यहां 4 जिला कांग्रेस महामंत्री, 2 ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही 200 से ज्यादा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सभी कांग्रेसी सदस्य एक ही गांव के हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नाम सभी कांग्रेसियों ने इस्तीफा सौंपा है. इस्तीफा देने वालों ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
मोहन मरकाम को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में कांग्रेसियों ने विधायक अमितेष शुक्ल पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. विधायक शुक्ल पर भ्रष्टाचार मामलों में घिरी गांव की महिला सरपंच का साथ देने का आरोप भी कांग्रेसियों ने लगाया है. गरियाबंद के कोपरा पंचायत के कांग्रेसियों ने पार्टी से इस्तीफा देकर विधायक के खिलाफ नाराजगी जताई है.
इस्तीफा पत्र में उन्होंने लिखा है कि ग्राम पंचायत कोपरा में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सदस्यों को पार्टी पदाधिकारियों और विधायक अमितेष शुक्ल का सहयोग नहीं मिल रहा है. जिस कारण कांग्रेस जन हताश होकर पार्टी के पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं.
प्रदेश स्तर पर भी खींचतान
बता दें कि कांग्रेस सरकार में प्रदेश स्तर पर आपसी स्तर पर खींचतान के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हालही में विधायकों के एक समूह ने अपनी पार्टी की सरकार में मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उनपर कांग्रेसी विधायकों ने ट्रांसफर के नाम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. इससे पहले कांग्रेस के ही विधायक बृहस्पत सिंह ने मंत्री टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने मंत्री पर उन्हें जान से मारने की साजिश रचने का आरोप लगा दिया. इसके बाद प्रदेश स्तर पर काफी सियासी घमासान मचा था. अब गरियाबंद में जिला कांग्रेस स्तर पर विवाद सामने आया है.