MP School Fees: मध्य प्रदेश में निजी स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना करते हुए नजर आ रहे हैं. प्रदेश के 18697 निजी स्कूलों ने अब तक फीस की जानकारी नहीं दी है. स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर 18 अक्टूबर तक फीस का ब्यौरा देने के आदेश के बावजूद भी निजी स्कूलों की मनमानी जारी है. स्कूल शिक्षा विभाग ने जल्द से जल्द जानकारी ना देने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.
प्रदेशभर के 37,072 स्कूलों में से मात्र 18,375 स्कूलों ने ही फीस की जानकारी दी है. प्रदेश के 18,697 निजी स्कूलों ने अब तक फीस की जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग को नहीं दी है. भोपाल जिले में संचालित 17,844 स्कूलों में से कई स्कूलों ने जानकारी नहीं भेजी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी निजी स्कूलों ने विभिन्न मदों में ली जाने वाली फीस की जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड नहीं की है.
18 अक्टूबर तक का दिया था समय
मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना काल में स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का अधिकार है. यदि कोई स्कूल अन्य मदों से फीस दे रहा है तो जांच के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. डबल बेंच ने फाइनल आदेश जारी कर सीधे सरकार को भेजे थे. स्कूल शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों की फीस की जानकारी अपलोड करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया गया था. निजी स्कूलों के जानकारी ना देने के चलते 4 सप्ताह का समय 18 अक्टूबर को पूरा हो चुका है. अब स्कूल शिक्षा विभाग मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.
10-10हज़ार का लगाया जाएगा जुर्माना
स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर फीस की जानकारी तय समय सीमा में नहीं देने वाले स्कूलों पर अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना का कहना है कि जिन स्कूलों ने जानकारी नहीं भेजी है, उन सभी निजी स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं. अब इन स्कूलों पर 10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने का नोटिस देने के बाद भी अगर जानकारी अपलोड नहीं की जाती है तो फिर स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.