लखीमपुर हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 164 तहत के दर्ज किए जा रहे बयानों में तेज़ी लाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने श्याम सुंदर और पत्रकार कि मौत पर राज्य सरकार स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई को 8 नवंबर को करने का फैसला किया है।
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले में कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश के वकील हरीश साल्वे ने कहा 30 गवाहों के बयान 164 के तहत दर्ज किए गएऔर 23 चश्मदीद के भी बयान दर्ज हुए है।
कोर्ट ने पूछा कि मौके पर 100 से ज़्यादा किसान मौजूद थे, ऐसे में सिर्फ 23 चश्मदीद ही सामने आए? सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि 164 तहत के दर्ज किए जा रहे बयानों में तेज़ी लाई जाए। कोर्ट ने कहा कि अगर न्यायिक अधिकारी उपलब्ध ना हो तो जिला जज निकटतम मजिस्ट्रेट को 164 के तहत बयान दर्ज करने के लिए नियुक्त किया जाए।
एक मृतक श्याम सुंदर कि पत्नी कि ओर से पेश वकील अरुण भारद्वाज ने कोर्ट से कहा कि मेरी मुवक्किल कि शिकायत पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि वह तीन आरोपियों को पहचानती है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने साल्वे से मामले को देखने को कहा, जिसपर साल्वे ने कहा कि श्याम सुंदर इस मामले में आरोपी भी हैं और पीड़ित भी हैं।