करोड़ों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस (Money Laundering Case) में गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. खबर है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) अनिल देशमुख की कस्टडी की मांग करेगी. सीबीआई ने इसी साल अप्रैल में देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. बता दें कि शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस की सुनवाई करते हुए अनिल देशमुख को मुंबई की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में ईडी ने कोर्ट से अनिल देशमुख से पूछताछ करने के लिए 9 दिनों की कस्टडी मांगी थी, हालांकि कोर्ट ने कस्टडी देने से इनकार कर दिया था.
सीबीआई ने हाल में ही इस मामले में संतोष शंकर जगताप को ठाणे से गिरफ्तार किया है. सीबीआई की ओर से ये पहली गिरफ्तारी बताई जा रही है. संतोष शंकर जगताप मिडिलमैन का नाम ट्रांसफर पोस्टिंग की सीबीआई की जांच के दौरान सामने आया था और लोकल कोर्ट से डेढ़ महीने पहले इसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे में 12 जगह छापेमारी की गई थी, उस वक्त संतोष शंकर के ठिकानों पर भी छापा मारा गया था. सीबीआई ने ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में आईपीएस रश्मि शुक्ला के भी बयान दर्ज किए थे.
इसके बाद सीबीआई ने करप्शन चार्ज पर ओरिजिनल मामला दर्ज किया था, अब सीबीआई कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की कस्टडी की मांग करने जा रही है. ताकि दूसरे आरोपियों के साथ देशमुख से पूछताछ की जा सके.
रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये से अधिक वसूली की
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोप लगाया कि देशमुख ने दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक राज्य के गृह मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक (बाद में अन्य आपराधिक मामले में सेवा से बर्खास्त) सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये से अधिक वसूली की. ED ने देशमुख को 12 घंटे की पूछताछ के बाद सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था. ED ने देशमुख को अवकाश के दिन अतिरिक्त सत्र जज जस्टिस पी बी जाधव के समक्ष पेश किया था, जहां से उन्हें छह नवंबर तक ED की हिरासत में भेज दिया गया.